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भारत के विकास में साझीदार बनेगा मंगोलिया, हमारे रिश्ते ऐतिहासिक: सुषमा

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मंगोलिया भारत का राजनीतिक रूप से ही सहयोगी नहीं है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी हम नजदीक हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 08:47 PM (IST)
भारत के विकास में साझीदार बनेगा मंगोलिया, हमारे रिश्ते ऐतिहासिक: सुषमा
भारत के विकास में साझीदार बनेगा मंगोलिया, हमारे रिश्ते ऐतिहासिक: सुषमा

उलानबटोर, प्रेट्र। भारत और मंगोलिया आर्थिक सहयोग बढ़ाने के विचार पर सहमत हैं। यह सहयोग बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में होगा। मंगोलिया के प्राकृतिक संसाधन भारत के विकास के रास्ते को मजबूत करेंगे। संपर्क बढ़ाने को दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

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- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देश साथ

- 42 वर्षो में जाने वालीं सुषमा पहली विदेश मंत्री

ये संभावनाएं भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके मंगोलियाई समकक्ष डी सोगबटोर ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जताईं। सुषमा दोनों देशों के सहयोग समिति की बैठक में भाग लेने के लिए वहां गई हुई हैं। दोनों नेताओं ने कहा, आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की हमारी योजना है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा। सुषमा स्वराज पिछले 42 वर्षो में प्राकृतिक संसाधन संपन्न मंगोलिया की यात्रा करने वाली पहली भारतीय विदेश मंत्री हैं। भारत का मानना है कि पूर्वी एशिया में स्थायित्व के लिए मंगोलिया में शांति और संपन्नता आवश्यक है।

संयुक्त समिति की बैठक में दोनों देशों ने वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई में भी साथ रहने का संकल्प जताया। लेकिन इस दौरान पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया। बैठक में दोनों देशों के सहयोग से चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और उन्हें गति देने का फैसला किया गया। इस दौरान मंगोलिया में एक अरब डॉलर (करीब सात हजार करोड़ रुपये) के भारतीय कर्ज से बन रहे तेल शोधक कारखाने की प्रगति पर खासतौर पर चर्चा की गई। सुषमा स्वराज ने कहा, हम अधिकारियों को निर्देश देंगे कि सहयोग वाले सभी प्रोजेक्ट पर तेज गति से काम हो। अगर कहीं बाधा आ रही है तो उसे व्यावहारिक नजरिये से खत्म किया जाए।

हमारे रिश्ते ऐतिहासिक: सुषमा

सुषमा स्वराज ने कहा कि मंगोलिया भारत का राजनीतिक रूप से ही सहयोगी नहीं है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी हम नजदीक हैं। हमारे लंबे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। मंगोलिया की मजबूत बौद्ध विरासत उसे भारत के करीब लाती है। कम्युनिस्ट देशों के अतिरिक्त भारत उन शुरुआती देशों में था जिसने मंगोलिया के साथ कूटनीतिक संबंध कायम किए और आगे बढ़ाए।


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