COVID-19: 'बच के रहना रे बाबा' खराब क्वालिटी के चलते कई देशों ने वापस किए चीन से आए इक्यूपमेंट्स
दुनिया के कुछ देशों ने चीन से आए मेडिकल इक्यूपमेंट्स को खराब क्वालिटी का पाया है। जिसके बाद इन्हें लौटा दिया गया और इनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अब तक 74697 लोगों की जान ले चुका है। विश्व में अब तक इसके 1346566 मामले सामने आ चुके हैं। पूरी दुनिया में मचे इस कोहराम की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से हुई थी। वर्तमान में चीन इस पर काफी हद तक काबू पा चुका है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ यूरोप और अमेरिका इससे अब बुरी तरह से प्रभावित हैं। चीन ने इसके फैलने पर कई देशों से प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की खरीद की थी। वहीं अब हालात बदल चुके हैं।
अब दुनिया के कई देश चीन से प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की खरीद का ऑर्डर दे रहे हैं। दूसरी तरफ कई देशों ने चीन से आई प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट की खेप को खराब क्वालिटी की वजह से लेने से इनकार कर दिया है। कई देशों ने आरोप भी लगाया है कि चीन की कंपनियां मुनाफे के लिए खराब इक्यूपमेंट्स की सप्लाई कर रही हैं। हालांकि चीन इन आरोपों का शुरुआत से खंडन करता रहा है। चीन का कहना है कि अमेरिका के इशारे पर ऐसा किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारत भी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट की कमी को पूरा करने के लिए विदेशों से इन्हें आयात करने पर विचार कर रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलोऔर देशभर में इन इक्यूपमेंट्स की कमी की बात लगातार सामने आ रही है। यही वजह है कि सरकार अब इस पर विचार कर रही है।
आपको बता दें कि स्पेन ने सबसे पहले चीन से आई प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स की खराब खेप को लेने से इनकार किया था। इसके लिए स्पेन ने चीन के साथ 3,500 करोड रुपये से ज्यादा का सौदा किया था। इसके तहत कोरोना वायरस से बचाव और लड़ने के मेडिकल इक्यूपमेंट खरीदे जाने थे। लेकिन जो खेप स्पेन पहुंची तो इनमें शामिल करीब 60000 कोरोना टेस्ट किट्स खराब क्वालिटी की निकली थीं। इसके बाद इस खेप को लौटा दिया गया था। इन किट्स से किए गए टेस्ट में पता नहीं चल पा रहा है कि जांच कराने आए व्यक्ति को कोरोना वायरस संक्रमण है या नहीं। इसके जवाब में स्पेन में मौजूद चीन के दूतावास ने ट्वीट कर बताया है कि ये टेस्ट किट्स बनाने वाली कंपनी को अब तक चीन सरकार की ओर से मेडिकल उपकरण बनाने या बेचने का लाइसेंस नहीं दिया गया है।
डच सरकार ने भी चीन से आई मेडिकल इक्यूपमेंट्स की खेप का इस्तेमाल न करने और वापस करने का आदेश दिया था। चीन द्वारा भेजी गई खेप में करीब 6 लाख मास्क खराब पाए गए थे। चीन से ये खेप 21 मार्च को डच सरकार के पास पहुंचे थे। इनका न तो साइज ही सही था और न ही इनमे फिल्टर था। हालांकि चीन सरकार की तरफ से इन्हे क्वालिटी सर्टिफिकेट दिया गया था।
तुर्की की तरफ से भी चीन से आई मेडिकल टेस्टिंग किट पर सवाल उठाए गए थे। उनके मुताबिक वहां चीन से खरीदी गईं टेस्ट किट्स सटीक नतीजे नहीं दे रही थीं। चीन से आए खराब क्वालिटी के सामान के बाद यूरोपीय संघ के मुख्य राजनयिक जोसेप बॉरेल ने यहां कहा था कि एक तरफ चीन पूरी दुनिया में ये प्रचार कर रहा है कि वह मुश्किलों के बीच पूरी दुनिया की मदद करने में जुटा है वहीं खराब क्वालिटी के इक्यूपमेंट्स कुछ और ही सच्चाई बयां कर रहे हैं। यूरोपीय संघ के देशों से अलग नेपाल ने भी चीन से आई इक्यूपमेंट्स की खेप में खराबी पाई थी। इसके बाद इनके प्रयोग पर रोक लगा दी गई थी। यह सौदा करीब 6 लाख डॉलर का था जिसमें 75 हजार कोरोना टेस्ट किट खरीदी जानी थी।
अपने इक्यूपमेंट्स को लेकर उठ रहे सवालों पर चीन की तरफ से कहा गया कि एक मार्च से अब तक 50 से अधिक देशों को 3.86 अरब मास्क निर्यात किए गए हैं। वहीं, इस दौरान चीन ने 3.75 करोड़ सुरक्षा परिधान, 50 देशों में 16 हजार वेंटिलेटर्स, 28.4 लाख कोविड-19 टेस्टिंग किट निर्यात किए हैं। इसके अलावा 4 अरब मास्क भी बेचे गए हैं। चीन की तरफ से जो निर्यात किया गया है वह करीब 1.4 अरब डॉलर के बराबर है।
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