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मलेशिया में गैरदलीय साझा सरकार की अपील, महाथिर की पेशकश

प्रधानमंत्री महाथिर के इस्‍तीफे के बाद आई रिक्‍तता को देखते हुए मलेशिया के किंग ने सांसदों से मुलाकात की।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 01:17 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 04:56 PM (IST)
मलेशिया में गैरदलीय साझा सरकार की अपील, महाथिर की पेशकश
मलेशिया में गैरदलीय साझा सरकार की अपील, महाथिर की पेशकश

कुआलालंपुर, रायटर। मलेशिया के कार्यवाहक प्रधानमंत्री महाथिर मुहम्मद ने देश में सियासी दलों के बिना साझा सरकार गठित करने की अपील की है। उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेद पर गत सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में मलेशिया के सम्राट ने उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।

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पूरे समर्थन के साथ दोबारा पीएम बनने को तैयार

पीपुल्स जस्टिस पार्टी के नेता अनवर इब्राहिम और महाथिर के दल बेर्सटू ने 2018 में मिलकर आम चुनाव लड़ा था। उन्होंने अप्रत्याशित जीत दर्ज करते हुए भ्रष्टाचार में घिरी रजाक सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। दोनों दलों में इस बात को लेकर सहमति बनी थी कि 94 वर्षीय महाथिर बाद में इब्राहिम को प्रधानमंत्री पद सौंप देंगे। लेकिन महाथिर ने सत्ता सौंपने से इनकार कर दिया। इसके कारण गठबंधन सरकार में खींचतान शुरू हुई थी। इस्तीफे के बाद महाथिर ने बुधवार को अपने पहले संबोधन में कहा, 'अगर पूरा समर्थन मिले तो मैं दोबारा प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हूं। राजनीति और राजनीतिक दलों को दूर करने की जरूरत है। मैं एक ऐसी सरकार के गठन का प्रस्ताव रखता हूं, जिसका किसी दल से जुड़ाव ना हो, उस सरकार की प्राथमिकताओं में सिर्फ देशहित हो।'

222 सांसदों से मिले सम्राट

मलेशिया के सम्राट ने सियासी संकट दूर करने के प्रयास में पिछले दो दिनों में संसद के निचले सदन के सभी 222 सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने सांसदों से अपने पसंदीदा प्रधानमंत्री का नाम या नए सिरे से चुनाव कराने पर राय मांगी। पीपुल्स जस्टिस पार्टी के अनुसार, पार्टी सांसदों ने सम्राट के सामने इब्राहिम का नाम प्रस्तावित किया है। संसद में इब्राहिम की पार्टी के 39 सदस्य हैं। उन्हें अन्य दलों के 62 सदस्यों का समर्थन मिल सकता है।

बता दें कि पिछले एक हफ्ते से मलेशिया में राजनीतिक अस्थिरता बरकरार है। रविवार को महाथिर की पार्टी द्वारा नई सरकार के गठन की खबर आई थी जिसमें उनके द्वारा चुने गए उत्तराधिकारी अनवर इब्राहिम को शामिल नहीं करने का फैसला लिया गया। मलेशिया के  सम्राट की भूमिका भले ही रस्मी है लेकिन पीएम की नियुक्ति वहीं करते हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर उसे ही नियुक्‍त किया जाता है जिसे संसद में बड़ा समर्थन प्राप्‍त होता है।


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