जयशंकर की ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों से वार्ता, कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की बैठक में शामिल हो ब्रिटेन समेत कई देशों के अपने समकक्षों से अलग से भी बातचीत की। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और जयशंकर के बीच यूक्रेन संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, प्रेट्र: विदेश मंत्री एस जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की बैठक में शामिल होने ब्रिटेन समेत कई देशों के अपने समकक्षों से अलग से भी बातचीत हुई। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और जयशंकर के बीच मुख्य रूप से यूक्रेन संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर चर्चा हुई। बताया जाता है कि दोनों पक्षों ने प्रस्तावित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता(एफटीए) के लिए जारी वार्ता की स्थिति की भी समीक्षा की।
यूक्रेन संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर चर्चा
जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि उनके बीच रोडमैप 2030 में प्रगति समेत यूक्रेन संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दे पर चर्चा हुई। जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात के अंतरराष्ट्रीय सहयोग मामलों की विदेश मंत्री रीम अल हशीमी और अल्बानिया के उप विदेश मंत्री ए.मेगी फिनो से भी मुलाकात की। साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से टेलीफोन पर बात की और 26/11 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के उनके आह्वान के लिए उनका धन्यवाद किया।
उठाया आतंकवाद का मुद्दा
संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधी बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के वैश्विक खतरे को दुनिया के सामने लाए हैं। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का खतरा न सिर्फ एशिया और अफ्रीका को है बल्कि पूरे विश्व को है। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा उठाए गए कई कदमों के बावजूद आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है।
पाकिस्तान पर कसा तंज
दिल्ली में आतंकवाद विरोधी समिति की UNSC की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे आतंकवाद को कुछ हद तक रोकने में कामयाबी मिली है। जयशंकर ने पाक का नाम लिए बिना कहा कि कई देश में तो आतंकवाद एक वित्त पोषित उद्यम बन गया था अब उनकी असलियत भी सबके सामने आ रही है।