कोरोना को हराने में नाकाम रहने वाले अमेरिका और ईरान दे रहे अंजाम भुगतने की धमकी!
कोरोना से लड़ने की बजाए ईरान और अमेरिका आपसी जंग में उलझते दिखाई दे रहे हैं। ये हाल तब है जब दोनों ही देशों में इस वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है।
तेहरान/वाशिंगटन। एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोविड-19 से जंग लड़ रही है वहीं दूसरी तरफ अमेरिका और ईरान एक बार फिर से अपने तीखी बयानबाजी से पूरी दुनिया का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ये हाल तब है जब दोनों ही देश अपने यहां पर जारी कोरोना वायरस के प्रकोप को कम कर पाने में अब तक नाकाम रहे हैं। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन बार-बार सभी देशों से मिलकर कोविड-19 के खिलाफ काम करने की अपील कर रहा है।
आपको बता दें कि इन दोनों के बीच कई वर्षों से ही तनातनी का दौर जारी है। वर्ष 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूरोपीय देशों की मौजूदगी में ईरान से परमाणु डील की थी। इसको उस वक्त दोनों देशों की शांति प्रक्रिया में मील का पत्थर बताया गया था। लेकिन मई 2018 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील को अमेरिका के लिए बेकार बताते हुए खत्म कर दिया था। इसके बाद 2019 में ईरान ने भी इस डील से खुद को अलग कर लिया था।
जुलाई 2019 में ईरान ने यूरेनियम के उत्पादन को बढ़ाने का एलान कर इसमें आखिरी कील ठोकने का भी काम किया। इसके बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया। हालांकि यूरोपी देश इसको लेकर बार-बार अपनी चिंता जताते रहे हैं और दोनों को ही संयंम रखने की सलाह देते रहे हैं, लेकिन इसका कोई फायदा अब तक नहीं हुआ है। ये भी सच है कि यूरोपीय देश अमेरिका द्वारा इस डील को तोड़ने से खफा भी हैं।
जनवरी 2020 में इराक में ईरान के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत के बाद ये तनातनी काफी बढ़ गई थी। इसके बाद ईरान ने इराक में मौजूद कई अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया था जिसमें सौ से अधिक जवान घायल हुए थे। हाल ही में ईरान ने फिर इराक के अमेरिकी ठिकानों पर हमला किया था जिसके बाद ट्रंप ने ईरान की सरकार को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाकायदा ट्वीट कर कहा था कि यदि ईरान ने अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत या उसकी सैन्य टुकड़ी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो अमेरिकी जहाज उनके जहाजों को तबाह करने में कोई देरी न करें।
इस ट्वीट के बाद ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर ने फिर अमेरिका को धमकी दी कि उन्होंने अपने सैन्य बलों को अमेरिकी नौसेना को निशाना बनाने का आदेश दिया है। ईरानी गार्ड के जनरल हुसैन सलामी ने साफ कर दिया है कि यदि उन पर हमला हुआ तो उनकी सेनाएं किसी भी कार्रवाई का जवाब तुरंत देने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने आशंका जताई है कि ईरान इराक में अमेरिकी फौज पर हमला कर सकता है। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में यहां तक कहा है कि यदि ऐसी गलती की तो फिर ईरान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
आपको बता दें कि अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। इसका सीधा असर उन देशों पर पड़ा है जो ईरान से तेल खरीदते थे। इनमें भारत और चीन शामिल हैं। हालांकि भारत ने समय रहते खुद को इससे संभालने में सफलता हासिल की है। पहले जहां ईरान से भारत की जरूरत का अधिकांश तेल आता था वहीं अब सऊदी अरब समेत दूसरे देश इसकी सप्लाई कर रहे हैं।