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भूकंप से क्षतिग्रस्त नेपाल की धरोहरों के संरक्षण का खाका तैयार करेगा इंटेक Gorakhpur News

भूकंप से क्षतिग्रस्त नेपाल की धरोहरों के पुनर्निर्माण और संरक्षण का प्रारूप इंटेक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज) तैयार करेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 03:01 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 10:10 AM (IST)
भूकंप से क्षतिग्रस्त नेपाल की धरोहरों के संरक्षण का खाका तैयार करेगा इंटेक Gorakhpur News
भूकंप से क्षतिग्रस्त नेपाल की धरोहरों के संरक्षण का खाका तैयार करेगा इंटेक Gorakhpur News

गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। चार वर्ष पहले आए भूकंप से क्षतिग्रस्त नेपाल की धरोहरों के पुनर्निर्माण और संरक्षण का प्रारूप इंटेक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज) तैयार करेगा। नेपाल के भारतीय दूतावास में इसको लेकर दूतावास और इंटेक के बीच करार हुआ है। नेपाल के चार जिलों में 11 धरोहरों के संरक्षण का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी इंटेक ने गोरखपुर अध्याय (चैप्टर) को सौंपी है। अध्याय की टीम ने तैयारी शुरू कर दी है।

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दोनों देशों में हुआ समझौता

11 दिसंबर को काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास में संरक्षण को लेकर तैयार करारनामे पर भारत की ओर से भारतीय मिशन दूतावास के उप प्रमुख अजय कुमार और इंटेक के राष्ट्रीय सचिव सीटी मिश्रा ने हस्ताक्षर किया। करारनामा नेपाल में भारत के राजदूत मनजीव सिंह पुरी और नेपाल के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण के संयुक्त सचिव गोपाल प्रसाद अर्याल की मौजूदगी में हुआ। इंटेक के गोरखपुर अध्याय के पदाधिकारियों ने बताया कि करार के तहत उनकी संस्था नेपाल के काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर और सोलखुुंभू में सांस्कृतिक विरासत वाले स्थलों के पुननिर्माण के लिए डिजाइन और परियोजना प्रबंधन परामर्श सेवाएं देगी। ये स्थल 2015 में नेपाल में आए भीषण भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे। इंटेक यह कार्य नेपाल के संस्कृति मंत्रालय के पुरातत्व विभाग के साथ मिलकर कार्य करेगा।

इंटेक ने नेपाल के 11 पुरातात्विक धरोहरों के पुनर्निर्माण और संरक्षण को लेकर परामर्श देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। गोरखपुर अध्याय को सर्वे करके प्रारंभिक खाका तैयार करने को कहा गया है। इस क्रम में धरोहर स्थलों की सूची मांगी गई है। सूची मिलते ही करार के मानक पर नेपाल के पुरातात्विक विभाग से मिलकर सर्वे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। - ई. महावीर प्रसाद कंडोई, संयोजक- इंटेक


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