चीन की चाल नाकाम! भारत के हेलिकॉप्टरों के मालदीव में आगे रुकने की बंधी उम्मीद
मालदीव में चुनाव के बाद सरकार बदलने पर हालात काफी बदल गए हैं। पिछली सरकार के साथ भारत के रिश्ते काफी मधुर रहे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और मालदीव के रिश्तों में पिछले दिनों आई तल्खी कुछ नर्म पड़ती नजर आ रही है। मालदीव को दिए दो भारतीय सैन्य हेलिकॉप्टरों के चालक दल के 48 सदस्यों व सहायक स्टाफ के साथ अभी कुछ महीने और वहीं रुके रहने की उम्मीद है। इन हेलिकॉटरों का लीज एग्रीमेंट पूरा हो चुका है और मालदीव ने इन्हें लौटाने की बात कही है।
मालदीव में चुनाव के बाद सरकार बदलने पर हालात काफी बदल गए हैं। पिछली सरकार के साथ भारत के रिश्ते काफी मधुर रहे। लेकिन अब्दुल्ला यामीन की नई सरकार का झुकाव चीन की ओर ज्यादा नजर आ रहा है। पिछले दिनों भारत और मालदीव के बीच चल रहे विवाद पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि मालदीव अपने आंतरिक मामलों में भारत की दखलंदाजी से मुक्त होना चाहता है, इसलिए उसने अपने यहां से भारतीय सैनिकों को हटाने का फैसला किया। इससे साफ था कि चीन एक रणनीति के तहत मालदीव से भारत का प्रभाव कम करने में जुटा है।
राजनयिक और सैन्य सूत्रों ने बताया है कि इस मालदीव में हेलिकॉप्टरों की लगातार तैनाती पर बातचीत से अच्छे संकेत नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत का प्रारंभिक परिणाम सकारात्मक रहा है और संभावना है कि हेलिकॉप्टर वहां लंबी अवधि तक रहेंगे। बता दें कि मालदीव को 2013 में दिए दोनों हेलिकॉप्टरों का लीज अग्रीमेंट पूरा हो चुका है। मालदीव ने भारत से हेलिकॉप्टरों को अपने यहां नहीं रखने की मंशा जताई है।
दरअसल, मालदीव की भूगौलिक स्थिति भारत के लिए न सिर्फ रणनीतिक तौर पर काफी अहम है, बल्कि कूटनीतिक तौर पर भी ये काफी मायने रखता है। वहीं चीन की यदि बात करें तो भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रखने के लिए वह इस देश को सबसे अहम मानता है। यही वजह है कि नेपाल, पाकिस्तान, बर्मा, बांग्लादेश और श्रीलंका को अपने जाल में फंसाने के बाद चीन मालदीव को अपने वश में करना चाहता है।
आपको बता दें कि मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चीन समर्थित हैं। यही वजह है कि उनके लिए भारत से अधिक पसंद चीन बना हुआ है। हिंद महासागर के इस देश पर चीन की काफी समय से नजर है। सामरिक दृष्टि से अहम मालदीव में सड़क, पुल और हवाई अड्डा और बंदरगाह का निर्माण करने में जुटा है।