Move to Jagran APP

विंटर ओलिंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करेगा भारत, गलवन को लेकर चीन के रुख को लगाई लताड़

भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन पर ओलंपिक खेलों के राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। भारत ने गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी आर्मी के बीच हुए संघर्ष में शामिल सैनिक को खेलों का मशाल धावक बनाने का विरोध किया है। ओलिंपिक का दूरदर्शन नहीं करेगा प्रसारण।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 03 Feb 2022 05:20 PM (IST)Updated: Fri, 04 Feb 2022 08:08 AM (IST)
विंटर ओलिंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करेगा भारत, गलवन को लेकर चीन के रुख को लगाई लताड़
शीतकालीन ओलंपिक खेलों के किसी भी समारोह में नहीं शामिल होगा भारत (सोर्स: एएनआई)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार से शुरू हो रहे बीजिंग शीतकालीन ओलिंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। भारत ने गुरुवार को एलान किया कि उसके शीर्ष राजनयिक अधिकारी बीजिंग विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में भाग नहीं लेंगे। ओलंपिक से जुड़े मशाल रिले कार्यक्रम में गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों की मार से घायल सैनिक को चीन सरकार की तरफ से मशाल वाहक बनाए जाने पर भारत ने अफसोस जताया है।

loksabha election banner

बीजिंग ओलंपिक में नहीं शामिल होंगे भारतीय राजनयिक

भारत ने चीन सरकार के इस फैसले को ओलिंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करने के तौर पर चिह्नित किया है। विरोध स्वरूप भारत ने उद्घाटन और समापन समारोह में अपने किसी भी राजनयिक को नहीं भेजने का फैसला किया है। साथ ही भारत के सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन की तरफ से भी यह घोषणा की गई है कि उद्घाटन और समापन समारोह का प्रसारण नहीं किया जाएगा। चीन की तरफ से भारत की संवेदनाओं के साथ इस तरह का व्यवहार तब किया गया है, जब अमेरिका और यूरोपीय देशों के दबाव को नजरअंदाज करके भारत ने विंटर ओलिंपिक का समर्थन करने का फैसला किया था।

भारत व रूस ने लिया था खेलों के समर्थन का फैसला

26 नवंबर, 2021 को भारत, चीन व रूस के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वर्चुअल बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि भारत व रूस ने चीन में होने वाले शीतकालीन ओलिंपिक का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था कि हमने इस बारे में रिपोर्ट देखी है। यह अफसोस की बात है कि चीनी पक्ष ने ओलिंपिक जैसे आयोजन का भी राजनीतिकरण करने का फैसला किया है। मैं यह बताना चाहूंगा कि बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक ओलिंपिक की शुरुआत या खत्म होने पर होने वाले आयोजन में हिस्सा नहीं लेंगे।

भारतीय सेना से पीटे सैनिक को बनाया मशाल धावक

चीनी मीडिया की तरफ से एक दिन पहले यह बताया गया था कि गलवन घाटी में घायल पीएलए के रिजिटेंड कमांडर शी फबाओ को मशाल धावक बनाया गया है। बताते चलें कि 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर स्थित गलवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी भिड़ंत हुई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। चीन की सरकार ने पहले अपने सैनिकों के हताहत होने की बात ही नहीं मानी, लेकिन बाद में माना कि पांच सैनिक मारे गए हैं।

विदेशी अखबारों ने किया खुलासा

हालांकि, बाद में कुछ विदेशी अखबारों ने दर्जनों में चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही। एक दिन पहले ही आस्ट्रेलिया के एक प्रतिष्ठित मीडिया ने इसी तरह का दावा किया है। उधर, अमेरिकी सीनेट की विदेश नीति समिति के सदस्य जिम रीश ने गलवन घाटी में घायल सैनिक को मशाल वाहक बनाए जाने के फैसले को शर्मनाक बताया है। रीश ने कहा है कि यह सैनिक उस टीम का हिस्सा था, जिसने वर्ष 2020 में भारत पर हमला किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.