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पीएम मोदी ने की रवांडा को 20 करोड़ डॉलर की पेशकश, 8 एमओयू किए साइन

भारत और रवांडा के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयास में आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 11:09 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 11:16 AM (IST)
पीएम मोदी ने की रवांडा को 20 करोड़ डॉलर की पेशकश, 8 एमओयू किए साइन
पीएम मोदी ने की रवांडा को 20 करोड़ डॉलर की पेशकश, 8 एमओयू किए साइन

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारत को अफ्रीकी देशों के करीब लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अफ्रीकी देशों के दौरे के पहले चरण पर सोमवार को रवांडा पहुंचे, यहां एयरपोर्ट पर उनका भव्‍य स्‍वागत हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने रवांडा को अपना रणनीतिक साझेदार देश बना कर यह जता दिया कि वह रवांडा को अफ्रीका के प्रवेश द्वार के तौर पर देख रहे हैं। रवांडा को भारत की ओर से 20 करोड़ डॉलर की पेशकश की गई है। इसके साथ ही भारत और रवांडा के बीच आठ एमओयू पर भी हस्‍ताक्षर किए गए हैं।

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रवांडा को बीस करोड़ डॉलर का कर्ज देगा भारत
रवांडा की राजधानी किगाली में राष्ट्रपति पॉल कागमे ने पीएम मोदी का भव्‍य स्वागत किया। इस दौरान पीएम ने कैगम से कई मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच खासकर व्यापार और कृषि क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने रवांडा के राष्ट्रपति को तोहफे में 200 गायें भी दीं। वहीं, रवांडा के लिए 20 करोड़ डॉलर के कर्ज की पेशकश भी की। भारत ने कई औद्योगिक पार्क के विकास और रवांडा में किगाली विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के लिए 10 करोड़ डॉलर और कृषि के लिए 10 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की पेशकश की।

रवांडा में खुलेगा भारतीय दूतावास
किगाली और नई दिल्‍ली को करीब लाने के लिए रवांडा के राष्ट्रपति कागमे के साथ बातचीत के बाद पीएम मोदी ने घोषणा की है कि भारत जल्द वहां अपना दूतावास खोलेगा। रवांडा में मीडिया को दिए गए संयुक्त बयान में मोदी ने कहा कि हमलोग रवांडा में एक उच्चायोग खोलने जा रहे हैं। इससे दोनों देशों की संबंधित सरकारों के बीच न सिर्फ संवाद स्थापित होगा, बल्कि वाणिज्य संबंधी, पासपोर्ट, वीजा के लिए सुविधाएं भी सुनिश्चित होंगी। मोदी ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात की है कि भारत रवांडा की आर्थिक विकास की यात्रा में उसके साथ खड़ा है। भारत रवांडा के विकास में सहयोग जारी रखेगा।

रवांडा में गूंजे मोदी-मोदी के नारे...
अफ्रीकी देशों में भी पीएम के चाहनेवालों की कमी नहीं है। वह जहां भी जाते हैं, उनके चाहनेवाले उनकी झलक पाने के लिए बेताब रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किगाली में जब भारतीय समुदाय के लोगों से मिले तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। लोगों में पीएम मोदी के प्रति दीवानगी साफ नजर आई। लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे।

भारत-रवांडा के बीच साइन हुए 8 एमओयू
भारत और रवांडा के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयास में आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। विदेश मामलों के मंत्रालय (एमईए) की एक विज्ञप्ति के अनुसार, मई 2007 में हस्ताक्षर किए गए कृषि पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) कृषि और पशु संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग पर संशोधन किया गया था। यह समझौता अनुसंधान, तकनीकी विकास और मानव संसाधन विकास के साथ-साथ निवेश संगठनात्मकता पर जोर देने के साथ कृषि और पशुधन में सहयोग को गहरा कर देगा।

चिनफिंग भी पहुंचे रवांडा
मध्य अफ्रीका का एक बेहद छोटा देश रवांडा अचानक इतना खास कैसे हो गया कि कुछ ही घंटों के भीतर चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री उसकी राजकीय यात्रा पर पहुंच गये? सिर्फ 1.2 करोड़ की आबादी वाले इस देश ने पिछले एक दशक के दौरान लैंगिक विभेद समाप्त करने से लेकर आर्थिक विकास दर को तेज करने में जो प्रगति की है उसे देख कर एशिया के दोनो सुपरपावर उसके जरिए पूरे अफ्रीकी महादेश में पैर फैलाने की संभावना देख रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रवांडा में भारी भरकम निवेश का वादा किया है जबकि पीएम नरेंद्र मोदी ने रवांडा को अपना रणनीतिक साझेदार देश बना कर यह जता दिया कि वह रवांडा को अफ्रीका के प्रवेश द्वार के तौर पर देख रहे हैं।

...तो इसलिए बढ़ रही रवांडा की अहमियत
अफ्रीका मामलों को देखने वाले विदेश मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी रवांडा को मिल रही अहमियत के बारे में बताते हैं कि इस देश ने पिछले डेढ़ दशक में जितनी प्रगति की है वैसा उदाहरण अफ्रीका में मिलना मुश्किल है। इसकी आर्थिक विकास दर लगातार 7 फीसद से ज्यादा रही है। समाज में अपराध और भ्रष्टाचार को कम करने में इसकी सफलता को अब दूसरे देश अपनाने लगे हैं। समाजिक जन-जीवन में महिलाओं को सम्मानजक स्थान दिलाने में रवांडा सरकार की कोशिशों का साफ तौर पर असर दिख रहा है। अभी यहां के संसद में 61 फीसद महिलायें हैं जो पूरी दुनिया में संसदीय व्यवस्था में महिलाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी है। इन वजहों से भारत व चीन जैसे देशों की कंपनियों के लिए रवांडा बेहद आकर्षक स्थल बनता जा रहा है।


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