गगनयान प्रोजेक्ट पर भारत रूस के साथ कर सकता है समझौता
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले महीने भारत यात्रा के दौरान यह समझौता हो सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अंतरिक्ष के क्षेत्र में फ्रांस के साथ समझौता करने के बाद भारत अब रूस के साथ विशेषज्ञता हासिल करने वाला समझौता करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसरो की महात्वाकांक्षी गगनयान परियोजना को लेकर यह समझौता हो सकता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले महीने भारत यात्रा के दौरान यह समझौता हो सकता है। गगनयान अंतरिक्ष में मानव भेजने की भारत की महात्वाकांक्षी योजना है।
गगनयान परियोजना के अतिरिक्त भारत और रूस इस समय रूसी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम ग्लोनास और भारत के स्वदेशी ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम नाविक के लिए समन्वित नियंत्रण केंद्र स्थापना पर भी बात कर रहे हैं। गगनयान परियोजना में सहयोग पर बातचीत का सिलसिला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की हाल ही रूस यात्रा के दौरान शुरू हुआ।
हाल ही में इस तरह के सहयोग पर भारत और फ्रांस ने दस्तखत किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में दिए भाषण में इसका उल्लेख भी किया था। गगनयान परियोजना के तहत सन 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजना है। अभी तक केवल एक भारतीय राकेश शर्मा ही अंतरिक्ष की बाहरी कक्षा तक गए हैं। वह सन 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में गए थे।
वैसे मई 2015 में भारत और रूस की अंतरिक्ष एजेंसियों ने मिलकर कार्य करने, उपग्रह छोड़ने, लांच वेहिकिल के विकास, मानव को अंतरिक्ष में भेजने की तकनीक में सहयोग का समझौता किया था। अमेरिका और फ्रांस के बाद रूस तीसरा देश है जिसके साथ मिलकर भारत रक्षा, परमाणु विकास और अंतरिक्ष के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।