पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों का उत्पीड़न, जानिए कैसे किया जा रहा परेशान
इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। इसके बावजूद भारत वहां अपने कर्मचारियों की संख्या में कोई कमी नहीं करेगा।
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि लगातार अनुरोध के बावजूद पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग की नई रिहायशी इमारत को गैस कनेक्शन मुहैया नहीं कराया है। राजनयिकों को विभिन्न स्तरों पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 10 साल से इस्लामाबाद में हमारे उच्चायोग की इमारत और परियोजनाओं को बाधित किया जा रहा है। हमें लोगों को उच्चायोग की इमारत में शिफ्ट करना पड़ा है जहां गैस आपूर्ति नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि नई इमारत का फर्नीचर सीमा पर ही रोक लिया गया है और वहां कोई टेलीफोन कनेक्शन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस साल की शुरुआत में भी भारतीय अधिकारियों के उत्पीड़न को याद करते हुए उन्होंने संकेत दिए कि भारत ने जैसे को तैसे वाली कार्रवाई की। जिसके बाद पाक ने तुरंत कदम खींच लिए थे।
आम चुनाव से पहले भारत-पाक संबंध में सुधार के लिए बड़ा कदम नहीं
लोकसभा चुनावों से पहले भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार के लिए कोई बड़ा या महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की संभावना नहीं है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने किसी भी प्रकार के सकारात्मक बदलाव से पूरी तरह इन्कार भी नहीं किया।
पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की वकालत करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने कहा था कि भारत में आम चुनाव होने तक वह नई दिल्ली की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे। लोकसभा चुनाव अप्रैल अथवा मई 2019 में होने हैं।
करतारपुर गलियारे के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि यह सांस्कृतिक कदम है कोई कूटनीतिक या राजनीतिक कदम नहीं है। करतारपुर गलियारा खोलने का मतलब यह नहीं है कि भारत बड़े मुद्दों पर पाकिस्तान से बातचीत करेगा।