Move to Jagran APP

क्वाड देशों के साथ फ्रांस भी करेगा नौसेना अभ्यास, संगठन में हो सकता है शामिल, जानें इसके मायने

फ्रांस की नौसेना पांच से सात अप्रैल को हिंद प्रशांत क्षेत्र में क्वाड के मौजूदा चार सदस्यों (भारत अमेरिका जापान व आस्ट्रेलिया) की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास करेगी। यह आने वाले वक्‍त में क्‍वाड की मजबूती के संकेत दे रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 12:33 AM (IST)
क्वाड देशों के साथ फ्रांस भी करेगा नौसेना अभ्यास, संगठन में हो सकता है शामिल, जानें इसके मायने
फ्रांस की नौसेना क्वाड देशों की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास करेगी।

नई दिल्ली, जेएनएन। क्वाड देशों के प्रमुखों की पिछले महीने हुई बैठक में संकेत दिया गया था कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं समान विकास के उद्देश्य से गठित इस संगठन में समान विचारधारा वाले दूसरे देशों को भी शामिल किया जाएगा। संकेत मिले हैं कि संगठन में शामिल होने वाला नया देश फ्रांस हो सकता है। पांच से सात अप्रैल को हिंद प्रशांत क्षेत्र में फ्रांस की नौसेना क्वाड के मौजूदा चार सदस्यों (भारत, अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया) की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास करेगी।

loksabha election banner

चीन को सख्‍त संदेश

संयुक्त अभ्यास के लिए फ्रांस के दो नौसैनिक जहाज टोनीरे और सुरकू भारतीय तट पर पहुंच गए हैं। इसमें सुरकू को फ्रांस ने पांच महीनों के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि फ्रांस ने इस तैनाती से संदेश दिया है कि वह अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए हिंद प्रशांत क्षेत्र एवं भारत के साथ ज्यादा बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।

भारत के साथ बना मजबूत भरोसा

भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनैन ने कहा कि हमारी नौसेनाओं के बीच जिस तरह का भरोसा बना है उस पर मुझे गर्व है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि फ्रांस के नए नौसैनिकों के प्रशिक्षण के लिए हिंद-प्रशांत एवं भारत सबसे पसंदीदा क्षेत्र हैं। इस संयुक्त अभ्यास को उन्होंने हिंद प्रशांत क्षेत्र को सभी के लिए खुला और मुक्त होने से भी जोड़ा।

हिंद प्रशांत क्षेत्र को खुला रखने पर जोर

सनद रहे कि क्वाड के चारों देश शुरू से गठबंधन को हिंद प्रशांत क्षेत्र को दुनिया के सभी देशों के लिए समान अवसर वाला और खुला बनाने से जोड़ते रहे हैं। फ्रांस ने इस अभ्यास को पांच समान सोच वाले देशों की नौसेनाओं के बीच रिश्तों को प्रगाढ़ करने व सामुद्रिक सहयोग बढ़ाने से भी जोड़ा।

भारत-फ्रांस के रिश्ते हो रहे प्रगाढ़

उल्लेखनीय है कि भारत-फ्रांस के रिश्ते हाल के वर्षों में लगातार प्रगाढ़ हो रहे हैं और भारतीय कूटनीति में उसकी स्थिति मजबूत हो रही है। वह सबसे मजबूत कूटनीतिक साझीदार के तौर पर स्थापित हो चुका है। वह भारत को अत्याधुनिक युद्धक विमान ही नहीं दे रहा बल्कि दोनों देशों में लाजिस्टिक्स सहयोग का बड़ा समझौता भी हो चुका है। इससे दोनों देश एक दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस युद्धाभ्यास के अलावा भारत-फ्रांस के बीच अलग से भी अरब सागर में द्विपक्षीय अभ्यास होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.