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पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने की पीएम मोदी से मुलाकात, प्रधानमंत्री ने रिश्तों की मजबूती को बताया महत्‍वपूर्ण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कजाखस्तान किर्गिज गणराज्य ताजिकिस्तान तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। विस्तारित पड़ोसी भारत से लंबे अरसे से जुड़े पांच मध्य एशियाई देशों के महत्व को बताया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 07:19 PM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 07:23 PM (IST)
पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने की पीएम मोदी से मुलाकात, प्रधानमंत्री ने रिश्तों की मजबूती को बताया महत्‍वपूर्ण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की।

नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बतौर विस्तारित पड़ोसी भारत से लंबे अरसे से जुड़े पांच मध्य एशियाई देशों के महत्व को बताया है। उन्होंने कहा कि कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की है। विस्तारित पड़ोस के तहत पांच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के लिए सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विगत रविवार को मेजबानी की थी लेकिन पीएम मोदी से इन देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

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आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन मध्य एशियाई देशों से भारत के लंबे अरसे से चले आ रहे रिश्तों की मजबूती को अहम बताया। उन्होंने इन देशों को भारत का दूर का पड़ोसी करार दिया। उन्होंने विगत 2015 में मध्य एशियाई देशों के दौरे का भी जिक्र किया जब वह कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिज गणराज्य गए थे। वह इन देशों को सांस्कृतिक और जनता के स्तर पर संपर्क को बेहद अहम मानते हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों में भारतीय फिल्में, संगीत और योग आदि काफी प्रसिद्ध है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के साथ मध्य एशियाई देशों का आर्थिक सहयोग और संपर्क बढ़ाए जाने की भी जरूरत है। इससे एक दिन पहले रविवार को भारत ने पांच मध्य एशियाई देशों को भरोसा देते हुए कहा था कि वह उनके साथ अपने सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए तैयार है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तीसरे भारत-मध्य एशिया डायलाग में कहा था कि मध्य एशियाई देशों की विकास यात्रा में भारत दृढ़ भागीदार होगा।

तीसरे भारत-मध्य एशिया डायलाग में कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के उनके समकक्षों ने भाग लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति से बहुत खुश हैं लेकिन जानते हैं कि क्षमता बहुत अधिक है। हमें सतत विकास लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए। एकजुट होकर हम इसे बेहतर कर सकते हैं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारत आपका दृढ़ भागीदार होगा। 


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