Move to Jagran APP

वो पांच वजहें जो डोनाल्ड ट्रंप को भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद में गलत साबित करती हैं

गुरुवार सुबह डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि वह पीएम मोदी से अपनी मुलाकात में टैरिफ बढ़ाने के मुद्दे को उठाएंगे। भारत टैरिफ में जो बढ़ोतरी कर रहा है वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 09:53 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 11:13 AM (IST)
वो पांच वजहें जो डोनाल्ड ट्रंप को भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद में गलत साबित करती हैं
वो पांच वजहें जो डोनाल्ड ट्रंप को भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद में गलत साबित करती हैं

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत-अमेरिका के बीच टैरिफ पर चल रहे विवाद के बीच शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। शुक्रवार सुबह जापान के ओसाका में इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। भारत की ओर से टैरिफ में इजाफे पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विरोध के बाद यह पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप की पहली मुलाकात थी। करीब 40 मिनट तक चली इस मुलाकात में पीएम मोदी और ट्रंप के बीच व्यापार, रक्षा संबंधों, 5 जी कम्युनिकेशन और ईरान को लेकर बातचीत हुई। मोदी और ट्रंप की यह मीटिंग बेहद खास और अहम थी क्योंकि अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति के तहत ट्रंप अमेरिकी उत्पादों पर भारत की अधिक ड्यूटी को लेकर विरोध जताते रहे हैं।

loksabha election banner

लेकिन टैरिफ विवाद में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया कई मायनों में बिल्कुल गलत साबित होती है। आइए पांच बिंदुओं में हम इसे समझने की कोशिश करते हैं। ये पांच बिंदु ये साबित कर देंगे कि टैरिफ मामले पर भारत को दोषी बता रहे डोनाल्ड ट्रंप खुद इस मामले पर कितने गलत साबित हो रहे हैं।

1. विश्व व्यापार संगठन के लिए भारत ने अपने आयात शुल्क रेट (Import Duty Rate) में विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation) को किए गए वादे से भी ज्यादा कटौती की है। विश्व व्यापार संगठन( World Trade Organisation) का बाध्य दर (Bound Rate) 40% है। वहीं औद्योगिक वस्तुओं पर औसत आयात शुल्क (average import duty on industrial goods) 10.2% है। वहीं औद्योगिक वस्तुओं पर व्यापार भारित औसत आयात शुल्क (trade weighted average import duty on industrial goods) की बात करें तो यह 5.6% है।

2. भारत का औसत आयात शुल्क रेट (Average Import Duty Rate) कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं ज्यादा अधिक है। जहां भारत का औसत आयात रेट (Average Import Duty Rate) 13.8% है तो अर्जेटीना का औसत आयात शुल्क रेट 13.7% है। दक्षिण कोरिया का औसत आयात शुल्क रेट है तो ब्राजील का औसत आयात रेट 13.4% है तो अमेरिका का औसत आयात शुल्क रेट 3.4% है। यानि भारत में विदेशों से आयात की जानी वस्तुओं को लेकर भारत कई देशों से ज्यादा उदार है।

3. भारत की तरह अमेरिका भी कई उत्पादों पर ऊंचा टैरिफ लगाता है। बल्कि कई उत्पादों पर वो भारत से भी ज्यादा टैरिफ लगाता है। जैसे अगर भारत की बात करें तो यहां अल्कोहल पर 150% टैरिफ लगाया जाता है तो अमेरिका में तम्बाकू पर 350% तक टैरिफ लगाया जाता है। भारत में मोटरसाइकिल पर 50% टैरिफ लगाया जाता है तो अमेरिका में मूंगफली पर 164% टैरिफ लगाया जाता है। ठीक इसी प्रकार, भारत में नेटवर्क राउटर्स और मोबाइल पार्ट्स पर 20% टैरिफ लगाया जाता है तो अमेरिका में 48% टैरिफ लगाया जाता है।

4. भारत के अमेरिका में आयात पर पिछले कुछ सालों में तेजी देखी गई है तो वहीं अमेरिका के भारत में निर्यात में उतनी तेजी नहीं आई है। 2017-18 की बात करें तो जहां इस दौरान भारत का अमेरिका में आयात 47.9% रहा तो इसी दौरान अमेरिका की ओर से भारत में निर्यात 26.6% रहा। वहीं साल 2018-19 की बात करें तो इस दौरान भारत का अमेरिका में आयात 52.4% रहा तो इस दौरान अमेरिका की ओर से भारत में निर्यात सिर्फ 35.5% रहा था।

5. भारत-अमेरिका के बीच ताजा टैरिफ विवाद अमेरिका की ओर से शुरू किया गया था। ये तब शुरू हुआ जब अमेरिका की ओर से भारत के एलुमिनियम और स्टील पर आयात शुल्क बढ़ा दिया गया। इसके अंतर्गत दी जाने वाली भारत को छूट को भी खत्म कर दिया गया, जिसमें भारत के 6.6 बिलियन डॉलर के उत्पादों पर खासा असर पड़ा। जिसके बाद भारत ने इसकी प्रतिक्रिया में अमेरिका के 1.1 बिलियन डॉलर के 28 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.