दलाई लामा की चेतावनी, परदेशियों को बाहर नहीं निकाला तो 'मुस्लिम' महाद्वीप बन जाएगा यूरोप
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा है कि यूरोप यूरोपियों के लिए है और अगर प्रवासी अपने देशों में वापस नहीं भेजे जाते हैं तो यह महाद्वीप मुस्लिम या अफ्रीकी बन सकता है।
नई दिल्ली, एजेंसी। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा है कि 'यूरोप यूरोपियों के लिए है' और अगर अप्रवासी अपने देशों में वापस नहीं भेजे जाते हैं तो यह महाद्वीप 'मुस्लिम या अफ्रीकी' बन सकता है। 1959 से भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे दलाई लामा ने कहा कि अप्रवासियों के 'सीमित संख्या' को रहने दिया जाना चाहिए।
दलाई लामा ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि जो शरणार्थी यूरोप आ गए हैं, उन्हें लौटने से पहले उनके कौशल का विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूरोप उन लोगों को शरण देने के लिए बाध्य था, जिन्हें मदद की जरूरत थी, लेकिन उन्हें अपने घर वापस आ जाना चाहिए।
इस 83 वर्षीय धर्मगुरु ने कहा, 'यूरोपीय देशों को इन शरणार्थियों को शरण देना चाहिए और उन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण देना चाहिए। इसका लक्ष्य उनके कौशल में विकास के साथ अपनी जमीन पर वापस आना है।' जब उनसे पूछा गया कि जो लोग उनके गोद लिए हुए देशों में रहना चाहते हैं, उनका क्या होना चाहिए, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए 'एक सीमित संख्या ठीक है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरा यूरोप अंत में मुस्लिम और अफ्रीकी देश बन जाएगा।'
यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह की टिप्पणी दी हो। इससे पहले पिछले साल स्वीडन के माल्मो में एक भाषण के दौरान उन्होंने ने कहा कि शरणार्थियों को अपने देशों के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए वापस आ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें शरण दें और उनकी मदद करें, उन्हें शिक्षित करें, लेकिन उन्हें वापस लौटकर अपने देश का विकास करना चाहिए। मुझे लगता है कि यूरोप यूरोपीय लोगों का है।'
गौरतलब है कि पिछले साल के यूरोपीय संघ के आंकड़ों के मुताबिक, यूरोप में 512 करोड़ की आबादी में से 4.4 प्रतिशत गैर-यूरोपीय नागरिक हैं। आंकड़ों में कहा गया है कि 2017 में गैर-ईयू देशों से 2.4 करोड़ प्रवासियों ने यूरोपीय संघ में प्रवेश किया। दुनिया भर में लगभग 70 करोड़ शरणार्थियों का अनुमान लगाया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया कि व्हाइट हाउस में उनके समय में 'नैतिक सिद्धांत' में अभाव देखने को मिला है। उनकी अमेरिका फर्स्ट की नीति गलत है।