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नेपालियों पर भारी पड़ रहे चीन के भेड़ व बकरे Gorakhpur News

नेपाल में दशहरा पर बलि के लिए बकरे और भेड़ अब चीन से मंगवाए जा रहे हैं। चीन के भेड़ व बकरे भारतीय भेड़ व बकरों से महंगे होने के कारण नेपालियों का बजट बिगड़ रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 09:43 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 07:56 AM (IST)
नेपालियों पर भारी पड़ रहे चीन के भेड़ व बकरे Gorakhpur News
नेपालियों पर भारी पड़ रहे चीन के भेड़ व बकरे Gorakhpur News

गोरखपुर/महराजगंज, जेएनएन। नेपाल सरकार का एक फैसला उनके ही नागरिकों पर भारी पड़ रहा है। नेपाल में दशहरा पर बलि के लिए बकरे और भेड़ अब चीन से मंगवाए जा रहे हैं। इससे प्रति बकरा तीन से चार हजार रुपये महंगा पड़ रहा है। आमद कम होने से मीट के दाम भी आसमान छू रहे हैं।

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चार सौ बकरों की खेप नेपाल पहुंची

तिब्बत-नेपाल सीमा के रासुवागढ़ी बॉर्डर से करीब 400 भेड़ व बकरों को पहली खेप नेपाल पहुंची हैं। प्रति भेड़ व बकरे का औसत मूल्य 23000 से 25000 रुपये के करीब पड़ा है। बकरा व्यापारी दीपक न्योपने बताते हैं कि  प्रति भेड़ व बकरा 3000 से 4000 रुपये अधिक कीमत का पड़ रहा है। इन्हें चीन बार्डर से काठमांडू व पोखरा जैसे शहरों में मंगवाने से भाड़ा भी अधिक देना पड़ रहा है, क्योंकि वाहनों को खतरनाक दुर्गम रास्तों से आना पड़ता है।

नेपाल ने लगाया है भारतीय भेड़, बकरों पर प्रतिबंध

नेपाल में भारतीय बकरों पर इसलिए प्रतिबंध लगा दिया गया, क्योंकि भारतीय कोरेंटाइन के बिना नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। व्यापारी मंसूर अली, इरफान, जहांगीर, शाहआलम, शमशेर अली, शहजादे व एहसान अली आदि का कहना है कि नेपाल सरकार के इस मनमाने फैसले से नागरिकों की जेब कट रही है।

मीट के दाम में उछाल

मीट के दाम में भी जबरदस्त उछाल आया है। वहीं नेपाल के भैरहवा कस्टम कार्यालय के चीफ कमल भट्टराई ने बताया कि भारत सरकार की तरफ से एनिमल कोरेंटाइन प्रमाण पत्र की जांच के बाद ही भारतीय बकरे को नेपाल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

इसलिए भारत से नेपाल नहीं भेजे जा रहे बकरे

आठ माह पूर्व नेपाल ने नियम जारी किया कि बिना भारतीय कोरेंटाइन जांच के आए बकरे नेपाल में नहीं लिए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ भारतीय व्यापारियों का कहना है कि बकरा नेपाल भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नेपाल द्वारा भारत के दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद व बंगलोर के कोरेंटाइन सेंटरों के जांच प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है, जिससे यूपी व बिहार के बकरा व्यापारियों को दिक्कत हो रही है। नेपाल के भैरहवा के कस्टम चीफ कमल भट्टराई का कहना है कि बिना जांच के नेपाल ले जाए जाने वाले बकरों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।


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