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POK पर बातचीत में चीन बन रहा सबसे बड़ा रोड़ा : प्रो. हर्ष वी. पंत Garekhpur News

आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रेटजिक स्टडीज प्रोग्राम के निदेशक प्रो. हर्ष वी. पंत का मानना है कि पीओके पर बातचीत में चीन सबसे बड़ा रोड़ा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:31 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 07:58 AM (IST)
POK पर बातचीत में चीन बन रहा सबसे बड़ा रोड़ा : प्रो. हर्ष वी. पंत Garekhpur News
POK पर बातचीत में चीन बन रहा सबसे बड़ा रोड़ा : प्रो. हर्ष वी. पंत Garekhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। किंग्स कालेज लंदन के प्रोफेसर और आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रेटजिक स्टडीज प्रोग्राम के निदेशक प्रो. हर्ष वी. पंत का मानना है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के रिश्ते दुनिया के विभिन्न देशों से मजबूत हुए हैं। इन रिश्तों के प्रगाढ़ होने के पीछे प्रधानमंत्री के प्रयास महत्वपूर्ण हैं। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षा समारोह में व्याख्यान देने आए प्रो. पंत ने जागरण से भारतीय कूटनीति, वैश्विक रिश्तों पर बातचीत की।

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सवाल : हाल के दिनों में भारतीय विदेश नीति में परिवर्तनों को लेकर आप क्या सोचते हैं?

जवाब : सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि मोदी सरकार का दुनिया के विभिन्न देशों से संबंधों में बढोतरी हुई है। इसका बड़ा संदेश जा रहा है।

सवाल : पाक अधिकृत कश्मीर वापस लेने के लिए क्या रणनीति अपनाई जानी चाहिए?

जवाब : जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद स्थितियों में काफी बदलाव आया है। पीओके पर बातचीत में सबसे बड़ा रोड़ा तीसरी पार्टी के रूप में चीन बन रहा है। पीओके की आजादी की मांग करने वाले समूह और ब्लूचिस्तान जैसे क्षेत्रों को आजाद करने वाले संगठनों की बात को महत्व देना मोदी सरकार ने शुरू किया। जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन संगठनों की बात ज्यादा मुखर हुई और इसके हमें दूरगामी फायदे होंगे।

सवाल : हाल के दिनों में भारतीय विदेश नीति में हुए परिवर्तन को किस नजरिए से देखते हैं?

उत्तर : सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि मोदी सरकार का दुनिया के विभिन्न देशों से संबंधों में बढ़ोतरी हुई है। सरकार राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखकर कोई निर्णय ले रही है।

सवाल : क्या राफेल मिलने के बाद क्षेत्रीय सैन्य संतुलन प्रभावित होगा?

उत्तर : हमारे यहां रक्षा खरीद के कार्य घोटालों की आशंका से काफी सुस्त रफ्तार से हुए। राफेल के आने बाद हमारी आक्रामक क्षमता में बहुत बढोतरी होगी। इससे भारत की ताकत बढ़ेगी।


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