सितंबर में संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे बिम्सटेक देश, आतंकवाद के खिलाफ साझी साझेदारी
30 व 31 अगस्त को नेपाल की राजधानी काठमांडू में होने वाली बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दक्षिण एशिया में बंगाल की खाड़ी के आस पास स्थित सात देशों के संगठन बिम्सटेक तेजी से सार्क की जगह लेता दिख रहा है। इस संगठन में शामिल भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास करने की सहमति बन गई है।
यह अभ्यास सितंबर, 2018 में भारत में ही की जाएगी। इसके साथ ही सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझी साझेदारी को भी आगे बेहद प्रगाढ़ करने की तैयारी है ताकि आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक संयुक्त अभियान चलाया जा सके। 30 व 31 अगस्त को नेपाल की राजधानी काठमांडू में होने वाली बैठक में इन मुद्दों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
तीनों सेनाओं के बीच संयुक्त अभियान
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण ने बताया कि बिम्सटेक के सदस्य देशों की तीनों सेनाओं के बीच संयुक्त अभियान सितंबर में होगा। इसको लेकर सदस्य देशों के बीच लगातार बात हुई है। यह पहला मौका होगा जब इस क्षेत्र के सात देश एक साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे। बिम्सटेक देशों के बीच सैन्य सहयोग की बात यह तब सामने आई है जब दो दिन पहले ही अमेरिका ने यह मंशा जताई है कि वह इन देशों की नौ सैन्य ताकत को बढ़ाने में मदद देने को तैयार है।
बिम्सटेक के बीच सहयोग की प्रक्रिया तेज
बताते चलें कि दक्षिण एशियाई देशों का एक अन्य सहयोग संगठन सार्क के बीच भी सैन्य अभ्यास को लेकर सदस्य देशों के बीच कई बार बातचीत हुई लेकिन यह संभव नहीं हो सका। सार्क वर्ष 2016 से ही ठप्प पड़ा हुआ है जबकि उसके बाद से बिम्सटेक के बीच सहयोग की प्रक्रिया तेज हुई है। शरण ने यह भी बताया कि सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ भी लगातार बात हो रही है। इस बारे में सभी देशों के सुरक्षा प्रमुखों की दो बार बैठक हो चुकी है।
बिम्सटेक देशों के लिए भी सैटेलाइट उपलब्ध कराएगा भारत
शरण ने बताया कि बिम्सटेक देशों के लिए आगामी बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अब सही मायने में सहयोग को ज्यादा व्यापक रूप दिया जा सकेगा। भारत ने जिस तरह से सार्क के अन्य देशों के लिए सैटेलाइट छोड़ा था उसी तर्ज पर बिम्सटेक देशों के लिए भी सैटेलाइट उपलब्ध कराने पर बात कर रहा है। इसके अलावा इन देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर भी बातचीत काफी आगे बढ़ी है। आगामी बैठक में इस पर ठोस फैसला होने की उम्मीद है।