भारत के रूस से एस-400 मिसाइल खरीद को प्रतिबंध के लिए बड़ा सौदा मानेगा अमेरिका
रूस से अरबों डॉलर के एस-400 ट्रिंफ जैसे सैन्य रक्षा उपकरणों की खरीद को बड़ा सौदा माना जाएगा और उस स्थिति में अमेरिका का कड़ा प्रतिबंध लग सकता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। रूस से अरबों डॉलर के एस-400 ट्रिंफ जैसे सैन्य रक्षा उपकरणों की खरीद को बड़ा सौदा माना जाएगा और उस स्थिति में अमेरिका का कड़ा प्रतिबंध लग सकता है। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को इस आशय का संकेत दिया है। ट्रंप प्रशासन का यह संकेत भारत द्वारा हवाई रक्षा प्रणाली खरीद पर किए जा रहे विचार को देखते हुए महत्वपूर्ण है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है। प्रतिबंध अधिनियम के माध्यम से अमेरिका की विपरीत स्थितियों का मुकाबला (सीएएटीएसए) का उल्लंघन करने वाले देशों, विदेशी प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ किया गया है।
आदेश पर हस्ताक्षर होने के बाद अमेरिका ने चीन के प्रतिष्ठान, उपकरण विकास विभाग और उसके निदेशक ली शांगफू पर प्रतिबंध लगा दिया। यह कदम हाल ही में रूसी सुखोई एसयू-35 लड़ाकू जेट और जमीन से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल खरीद के लिए उठाया गया है। संवाददाता सम्मेलन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सीएएटीएसए के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस पर प्रतिबंध लगाया गया है। भारत करीब 4.5 अरब डॉलर (करीब 310 अरब रुपये) में रूस से पांच एस-400 ट्रिंफ मिसाइल खरीदने की योजना बना रहा है। ऐसे में भारत के खिलाफ भी प्रतिबंध संभावित है।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि सीएएटीएसए लागू होने के बाद दिसंबर 2017 में चीन 10 सुखोई लड़ाकू विमान खास तौर से एसयू-25 लिया था। इसके अलावा उसने इस वर्ष जनवरी में एस-400 भी लिए। इसे कभी एसए-21 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली कहा जाता था। अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इस प्रतिबंध का असली निशाना रूस है।