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Bihar Politics: भाजपा ने बिहार में अकेले लोकसभा की 35 सीटें जीतने का रखा लक्ष्य, राज्य की कोर कमेटी की केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक

भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में पार्टी की बिहार इकाई के प्रमुख नेताओं से राज्य की ताजा राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया। राज्य के सभी नेताओं ने खुलकर अपनी राय रखी।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 04:30 AM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 04:30 AM (IST)
Bihar Politics: भाजपा ने बिहार में अकेले लोकसभा की 35 सीटें जीतने का रखा लक्ष्य, राज्य की कोर कमेटी की केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक
बिहार भाजपा के कोर ग्रुप की केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक

नीलू रंजन, नई दिल्ली: नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई महागठबंधन सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बीच भाजपा ने बिहार में अकेले दम पर लोकसभा की 35 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। जदयू के साथ गठबंधन टूटने और प्रमुख विपक्षी दल की नई भूमिका में आने के बाद बिहार भाजपा के कोर ग्रुप की केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई पहली बैठक में यह लक्ष्य तय किया गया।

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भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में पार्टी की बिहार इकाई के प्रमुख नेताओं से राज्य की ताजा राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया। राज्य के सभी नेताओं ने खुलकर अपनी राय रखी। पहले माना जा रहा था कि बैठक में भाजपा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ अगले प्रदेश अध्यक्ष के नाम तय किए जाएंगे, क्योंकि मौजूदा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल अगले महीने पूरा हो रहा है। लेकिन इन दोनों पदों के लिए संभावित नामों पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक पूरी तरह से नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होकर तेजस्वी यादव के साथ हाथ मिलाने के बाद बिहार में उपजे राजनीतिक हालात और नई चुनौतियों पर केंद्रित रही।

नीतीश पर आरसीपी सिंह को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बिहार के भाजपा नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व ने साफ कर दिया कि आरसीपी सिंह को लेकर नीतीश कुमार झूठ बोल रहे हैं। सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार की मर्जी से ही शामिल किया गया था। भाजपा पर जदयू को तोड़ने के लिए आरसीपी सिंह का इस्तेमाल करने का आरोप भी पूरी तरह से बेबुनियाद है। नीतीश कुमार ने दूसरे राजनीतिक कारणों से भाजपा को छोड़कर राजद का दामन थामा है।

नई राजनीतिक चुनौतियां स्वीकार

केंद्रीय नेतृत्व ने यह भी स्पष्ट कहा कि कारण चाहे जो भी हो, नई राजनीतिक चुनौतियों को भाजपा पूरी तरह से स्वीकार करती है। पार्टी अकेले दम पर अगले लोकसभा चुनाव में जदयू-आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को जवाब देगी। केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं के सामने लोकसभा में अपने दम पर 35 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। 2019 में राजग के खाते में लोकसभा की 39 सीटें आई थीं, जिनमें से 17 सीटें अकेले भाजपा को मिली थीं। वर्ष 2014 में जदयू उसके साथ नहीं थी, तब भाजपा ने अकेले 22 सीटें और राजग को 31 सीटें मिली थीं। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं।

बैठक में केंद्रीय मंत्री समेत प्रदेश के नेता शामिल बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह, सुशील मोदी, प्रदेश भाजपा के उप प्रभारी हरीश द्विवेदी समेत कोर ग्रुप के अन्य नेता मौजूद थे।


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