दादा भी माही से खफा, सीनियरों का बचाव
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व की आलोचना करते हुए मंगलवार को खेल की अलग-अलग विधाओं के लिए अलग-अलग कप्तान नियुक्त किए जाने की वकालत की।
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नेतृत्व की आलोचना करते हुए मंगलवार को खेल की अलग-अलग विधाओं के लिए अलग-अलग कप्तान नियुक्त किए जाने की वकालत की।
गांगुली ने कहा, समय आ गया है कि चयनकर्ता अब खेल की अलग-अलग विधाओं के लिए अलग-अलग कप्तान नियुक्त करें। इन दिनों बहुत अधिक क्रिकेट खेला जा रहा है। इसकी कई विधाएं भी हो गई हैं। गांगुली ने यह भी कहा कि बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना को टीम से बाहर करने का वक्त आ गया है और उनकी जगह अन्य किसी युवा खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए। गांगुली के मुताबिक रैना शार्ट गेंदों के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं और विपक्षी खिलाडि़यों ने उनकी इस कमजोरी का जमकर फायदा उठाया है। दादा ने कहा, मैं सहमत हूं कि रैना को टीम से बाहर किया जाना चाहिए लेकिन कप्तान धौनी की समस्या यह है कि उनकी नजर 2015 के विश्वकप पर है। मैं दावे के साथ कहता हूं कि रैना ने यदि अपनी तकनीक में सुधार नहीं किया तो आस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले 2015 विश्व कप में उन्हें संघर्ष करना पड़ेगा।
गांगुली ने कप्तान धौनी की रोटेशन नीति की भी आलोचना की और कहा कि फील्डिंग की क्षमताओं का हवाला देकर वरिष्ठ खिलाडि़यों को बैठाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, किसी भी टीम में खेलने वाले सभी 11 खिलाड़ी बेहतरीन क्षेत्ररक्षक नहीं होते। यहां तक कि आस्ट्रेलियाई टीम भी ऐसी नहीं है। क्षेत्ररक्षण अहम है लेकिन मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाना भी जरूरी है।
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