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माही के पक्ष में खड़े हुए अकरम

पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की विवादास्पद रोटेशन नीति का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे अच्छा कारण है क्योंकि सीनियर खिलाड़ी या तो उसके नियंत्रण में नहीं हैं या फिर वे बोझ बन गए हैं।

By Edited By: Published: Thu, 23 Feb 2012 02:24 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2012 02:24 PM (IST)
माही के पक्ष में खड़े हुए अकरम

होबार्ट। पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की विवादास्पद रोटेशन नीति का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे अच्छा कारण है क्योंकि सीनियर खिलाड़ी या तो उसके नियंत्रण में नहीं हैं या फिर वे बोझ बन गए हैं।

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क्षेत्ररक्षण में सीनियर खिलाडि़यों की सुस्ती को लेकर धोनी के बयान ने इस तरह की अटकलें शुरू कर दी थी कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में मतभेद हैं। अकरम ने कहा कि धौनी का बयान बिलकुल वास्तविक नजरिया है। अकरम ने कहा, मेरे नजरिए से धोनी काफी समझदार व्यक्ति है और मैं उससे पूरी तरह सहमत हूं क्योंकि वह वही कहता है जो वह सोचता है। उसके बयान के पीछे निश्चित तौर पर काफी अच्छा कारण होगा। मैंने धौनी को कभी इस तरह से बोलते हुए नहीं देखा। मुझे लगता है कि या तो सीनियर उसके नियंत्रण में नहीं हैं या फिर वे बोझ बन गए हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान अकरम का साथ ही मानना है कि सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को एकदिवसीय प्रारूप में बने रहने के लिए शारीरिक रूप से फिट होना होगा।

अकरम ने साथ ही टीम चयन में कोच डंकन फ्लैचर की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, अगर मैं कोच होता तो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज को पारी की शुरूआत करने के लिए भेजता। गौतम गंभीर सीरीज में अब तक दो बार 90 से अधिक रन बना चुका है और वह सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध सलामी बल्लेबाज है। यह फैसला टीम प्रबंधन को करना है कि उसका सलामी जोड़ीदार कौन होगा। इससे आपको बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाज का संयोजन भी मिलेगा। श्रीलंका के खिलाफ मैच में हमने देखा कि खराब फार्म से जूझ रहे दोनों सलामी बल्लेबाजों ने पारी का आगाज किया और आपका सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरा। तो फिर कोच रखने का क्या फायदा अगर वह फैसला ही नहीं कर पाए।

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