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गंगा रक्षा को संतों की सार्थक पहल

संत समाज समाज को समय-समय पर आइना दिखाता रहता है। निर्मल गंगा के लिए भी संत समाज ने ऐसी ही पहल की है। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के ब्रह्मलीन श्रीमहंत शंकरदास का अग्नि संस्कार करके अखाडे़ ने संत समाज की ओर से गंगा रक्षा का सार्थक संदेश दिया है।

By Edited By: Published: Sun, 26 Feb 2012 12:52 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2012 12:52 AM (IST)
गंगा रक्षा को संतों की सार्थक पहल

हरिद्वार, जागरण संवाददाता। संत समाज समाज को समय-समय पर आइना दिखाता रहता है। निर्मल गंगा के लिए भी संत समाज ने ऐसी ही पहल की है। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के ब्रह्मलीन श्रीमहंत शंकरदास का अग्नि संस्कार करके अखाडे़ ने संत समाज की ओर से गंगा रक्षा का सार्थक संदेश दिया है। यह इच्छा ब्रह्मलीन श्रीमहंत की भी थी। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत दुर्गादास के अनुसार उदासीन संप्रदाय में जल और भू-समाधि देने के साथ ही अग्नि संस्कार की भी परंपरा है। कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो अब तक इस संप्रदाय में जल और भू-समाधि ही दी जाती रही है। जल समाधि को लेकर संत समाज के अंदर लंबे समय से मंथन चलता रहा है। यह चिंतन हरिद्वार कुंभ-2010 के दौरान भी हुआ।

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शुक्रवार को संत समाज ने गंगा रक्षा के लिए एक कदम आगे बढ़ाया। श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा जमात के ब्रह्मलीन श्रीमहंत शंकरदास को जल-समाधि देने के बजाय अग्नि संस्कार किया गया। श्रीमहंत शंकरदास ने भी यही इच्छा जताई थी कि ब्रह्मलीन होने के बाद अग्नि संस्कार किया जाए।

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