सच्चे कर्म से होता गुरु का दर्शन
गुरु ज्ञान से बढ़कर मूल्यवान दुनिया में कुछ नहीं है। गुरु ही अंधकार को मिटाकर जीवन में प्रकाश भर देता है। सच्चा कर्म ही हमें गुरु का दर्शन कराता है।
गोपीगंज [भदोही]। गुरु ज्ञान से बढ़कर मूल्यवान दुनिया में कुछ नहीं है। गुरु ही अंधकार को मिटाकर जीवन में प्रकाश भर देता है। सच्चा कर्म ही हमें गुरु का दर्शन कराता है। गुरुवार को गोपीगंज नगर स्थित रामलीला मैदान आयोजित सत्संग में भक्तों संत आसाराम बापू ने ये उपदेश दिए। उन्होंने कहा कि लोग दुख आने पर प्रभु के नाम का जाप करते हैं, यदि सुख में ही भगवान का स्मरण करें तो दुख आने ही नहीं पाएगा। जितना अधिक भगवान हमारा भला कर सकता है उतना कोई दूसरा नहीं। भक्त का खयाल भगवान खुद करते हैं। भगवत शरण व गुरुमंत्र का जाप करने से मानव भवसागर से पार हो जाता है। बताया कि ओमकार मंत्र का जाप करने से बिगड़े हुए कार्य बन जाते हैं। इस मंत्र के जाप से मन की मलिनता दूर होती है। मंत्र की शक्ति का वर्णन नहीं किया जा सकता। कलियुग में सिर्फ भगवान का नाम लेने से ही मुक्ति मिल जाती है। कर्म पथ पर हम तभी सफल होंगे जब सत्य का अंतरण करेंगे। संतश्री ने कहा कि अधिक लाभ के लिए लोग पापाचार कर रहे हैं। इससे उन्हें नरक भोगना पड़ रहा है। ईश्वर की प्रार्थना इस बात के लिए करनी चाहिए कि यह शरीर दूसरों के काम आए। जितना समय परसेवा में बीत जाय उसे अपने को धन्य समझो। कहा कि लोगों की सेवा से ही मन को शांति मिलती है। आत्मा अजर और अमर है और मन बहुत चंचल होता है। यह कभी शांत नहीं रहता। मन को स्थिर करने के लिए गुरु का स्मरण करना चाहिए। दुख की जगह खुशियां बांटनी चाहिए और संकट के समय धैर्य से काम लेना चाहिए। इसके पूर्व उन्होंने मीरजापुर में भी प्रवचन किया।
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