उत्तराखंड में मौनी अमावस्या के स्नान को सुबह से ही हरिद्वार के हरकी पैड़ी और अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा रही। भोर से ही गंगा मैया के जयकारों के साथ गंगा में आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर हो गया।
मौनी अमावस्या पर उमड़ा आस्था का सैलाब, सर्दी में भी डुबकी लगाते रहे भक्त; देखें तस्वीरें


मौनी अमावस्या के दिन मौन का बड़ा महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान के बाद मौन रहकर साधना करने से अमिट फल प्राप्त होता है।

मौनी अमावस्या के स्नान के साथ ही कृष्ण पक्ष की पंच स्नानी एकादशी से शुरू हुआ स्नान पर्व समाप्त हो गया। इस दौरान स्नान के लिए हरिद्वार आए श्रद्धालु भी मौनी अमावस्या के स्नान के बाद लौटने लगे। हरिद्वार में स्नान के लिए पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार आदि से श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे।

धर्म शास्त्रों के अनुसार माघ और मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने से अनेक जन्मों के पाप मिट जाते हैं और मनवांछित फल प्राप्त होता है। माघ में पंचस्नानी स्नान के दौरान स्नान करने से यह स्नान पापों से मुक्ति दिलाने वाला होता है। मौनी अमावस्य पर सूर्य को अर्घ्य देती महिला।

मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान करने से पापों का प्रायश्चित होता है और उस से मुक्ति मिलती है।