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.ताकि न हो अखाड़ों में टकराहट

शाही स्नान में अखाड़ों के बीच किसी प्रकार की टकराहट रोकने के उपाय शुरू हो गए हैं। मेला प्रशासन ने इसके लिए एक युक्ति निकाल ली है। स्नान के आवागमन मार्ग में फेरबदल कर दिया गया है। स्नान में आने जाने के दौरान अखाड़े अब आमने सामने नहीं होंगे।

By Edited By: Published: Sat, 12 Jan 2013 04:52 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2013 04:52 PM (IST)
.ताकि न हो अखाड़ों में टकराहट

कुंभ नगर। शाही स्नान में अखाड़ों के बीच किसी प्रकार की टकराहट रोकने के उपाय शुरू हो गए हैं। मेला प्रशासन ने इसके लिए एक युक्ति निकाल ली है। स्नान के आवागमन मार्ग में फेरबदल कर दिया गया है। स्नान में आने जाने के दौरान अखाड़े अब आमने सामने नहीं होंगे। इससे उनकी ताकत के प्रदर्शन को लेकर होने वाली संभावित रार रुक सकेगी। 14 जनवरी को पहला शाही स्नान सुबह सवा पांच शुरू हो जाएगा। सांय 4.20 बजे अखाड़ों का स्नान समाप्त होगा।

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कुंभ पर्व के पहले स्नान को सकुशल संपन्न करने के लिए मेला प्रशासन दो दिन से जुटा है। निरंजनी अखाड़े में शाही स्नान के मार्ग और क्त्रम को लेकर बैठक में यह तय किया गया कि आने जाने के क्त्रम में परिवर्तन कर दिया जाए। इसके लिए जिन रास्तों अखाड़े संगम के लिए प्रस्थान करेंगे उसके बगल के रास्ते से वे वापस नहीं लौटेंगे। अधिकारियों ने आवागमन में फेरबदल को अखाड़ों की सुविधा का हवाला देकर सहमति बनवाई है। वैसे सूत्रों का कहना है कि मार्ग में यह बदलवा किसी संभावित टकराहट की आशंका की वजह से किया गया है। गौरतलब है कि सभी अखाड़ों को सेक्टर तीन एवं चार में बसाया गया है।

शाही स्नान के इसी सेक्टर में बल्लियों से आवाजाही के दो मार्ग बनाए गए हैं। यह मार्ग अभी से आरक्षित हैं। इन मार्गो के प्रवेश द्वार पर रस्सी लगी है जिसमें सामान्य जन की आवाजाही पर प्रतिबंध है। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत हरिगोविंद पुरी ने बताया कि अखाड़े पूरी साज सज्जा और दलबल के साथ संगम में स्नान करने जाते हैं। इसमें किस अखाड़ें में कितने साधु संन्यासी और महामंडलेश्‌र्र्वर किस रूप में जाते है इसका प्रदर्शन होता है। ऐसे में आवाजाही का मार्ग आमने सामने होना ठीक नहीं रहता है। जहां अखाड़े एक दूसरे को क्त्रास करते हैं उस दौरान विवाद होने की स्थिति भी पैदा हो सकती है। ऐसे में इसको रोकने के लिए भी आने जाने का रास्ता बदलने पर सहमति बनी है। वैसे मेला के अधिकारियों ने इस फेरबदल पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया है। कहा कि स्नान में सुविधा हो देखते हुए ऐसा निर्णय हुआ है।

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