महाकुंभ: चतुष्पथ की मांग खारिज
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुंभ मेला क्षेत्र में शंकर चतुष्पथ स्थापित करने की शंकराचार्य स्वरूपानंद की मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने इसके लिए समय की कमी का कारण बताया।
इलाहाबाद। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुंभ मेला क्षेत्र में शंकर चतुष्पथ स्थापित करने की शंकराचार्य स्वरूपानंद की मांग को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने इसके लिए समय की कमी का कारण बताया। उनका कहना था कि आज दो तारीख हो गई है। मेला सिर पर है। ऐसे में कुछ भी नया कर पाना किसी भी सरकार के लिए मुश्किल होगा। जो परंपरागत है वही ठीक से निभ जाए इसकी कोशिश की जा रही।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कुंभ मेला क्षेत्र में संगम तट पर उक्त बातें कहीं। चतुष्पथ न बनने पर मेला छोड़ देने के शंकराचार्य की घोषणा पर मुख्यमंत्री का कहना था कि शंकराचार्य के लोग मिले थे। मैंने उनसे मेले में बने रहने का अनुरोध किया था। शंकराचार्य को लिखे पत्र में भी उनसे आशीर्वाद मांगा था। पूरा विश्वास है और हम प्रयास भी कर रहे हैं कि सभी प्रमुख संत मेले में आएं। चतुष्पथ के अलावा अगर कोई और बात है तो मेलाधिकारी, मंडलायुक्त व अन्य अधिकारी सब बात करने के लिए तैयार हैं। उनकी हर समस्या का समाधान किया जाएगा। शंकराचार्य को मनाने के लिए अधिकारी प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार मेले की परंपरा है कि गंगा जी के सम्मान के लिए सब आते हैं। इसलिए सभी संतों व श्रद्धालुओं से अपील है कि वह मेले में जरूर आएं। साधु संतों से मेले का सम्मान और शोभा बढ़ती है। लोगों को अच्छा लगता है। संतों से मिलने का, उनके विचार सुनने का और उनसे आशीर्वाद लेने का मौका मिलता है। मुख्यमंत्री ने इसी क्रम में मेले के दौरान गंगा में पर्याप्त व शुद्ध जल रहने का दावा किया। उनका कहना था कि उच्च न्यायालय खुद गंगा में जलस्तर व जल की गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है। इसके साथ ही प्रशासन व शासन भी पूरी निगरानी रख रहे हैं। इसलिए कुंभ मेले के दौरान शुद्ध व भरपूर जल मिलेगा। जल छोड़ने के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने मेले की तैयारियों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते कहा कि जो कार्य बचे हैं उसके लिए छह जनवरी तक का समय दिया गया है। मकर संक्रांति के पहले स्नान से पूर्व सारी तैयारियां पूरी हो जाएंगी। अगर फिर भी कोई कमी रह गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री सुबह करीब पौने दस बजे परेड मैदान पर बने कुंभ पुलिस लाइन के हैलीपैड पर उतरे। यहां करीब आधे घंटे तक समीक्षा करने के बाद वह मेला क्षेत्र के लिए रवाना हो गए। वह सबसे पहले संगम तट पर बने किले में गए। किले की बुर्ज पर बने टावर से उन्होंने मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। वे मेला क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, पांटून पुल, केन्द्रीय अस्पताल, मेला पुलिस लाइन आदि देखने भी गए। बाद में सर्किट हाउस में सपा कार्यकर्ताओं व अन्य लोगों से मुलाकात की। बाद में वह विशेष हेलीकाप्टर से लखनऊ के लिए रवाना हो गए। दौरे के समय मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र बाजपेयी, बीज विकास निगम के चेयरमैन उज्जवल रमण सिंह आदि उपस्थित रहे।
नगर निगम के कार्यो से मुख्यमंत्री नाराज-
पुलिस लाइन में कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर चली बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने श्रद्धालुओं और संतों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दिया। साथ ही विभागवार तैयारी की जानकारी ली और अपने सुझाव भी दिए।
कुंभ क्षेत्र में सफाई के बाबत किए गए प्रबंध पर सवाल किया, तो दवा आदि की सुविधाओं को लेकर भी विशेष ध्यान देने की हिदायत दी। कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इस दौरान नगर निगम के कार्यो को लेकर नाराजगी जतायी। नगर आयुक्त को हिदायत दी कि मेले के दृष्टिकोण से जो महत्वपूर्ण सड़कें हैं, उसको 14 जनवरी से पहले पूरा कराना सुनिश्चित करें। कुंभ मेले की तैयारी के बाबत कमिश्नर देवेश चतुर्वेदी ने जानकारी दी। बताया कि दो पांटून पुल अभी तैयार नहीं हैं, 6 जनवरी तक पूरे हो जाएंगे। वहीं पेयजल व्यवस्था के काम में हो रहे विलंब को लेकर सीएम ने मुख्य सचिव जावेद उस्मानी से सवाल किया। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने बताया कि सभी कार्य जल्दी पूरे हो जाएंगे। वहीं मंडलायुक्त ने कुंभ की तैयारियों के बाबत एक-एक विभाग की कार्य प्रगति की जानकारी दी। यह भी बताया गया कि 2500 क्यूसेक अतिरिक्त जल गंगा में छोड़ दिया गया है। इससे पहले तीन-चार दिनों से गंगा नदी में तथा संगम क्षेत्र में बीओडी की मात्रा में कमी आयी है, डीओ में बढ़ोत्तरी हुई है। अर्थात जल स्वच्छ हुआ है। आइजी जोन आलोक शर्मा ने पुलिस व्यवस्था की जानकारी दी। किस तरह पुलिस वालों को श्रद्धालुओं के साथ विनम्रता से पेश आना है, उस ट्रेनिंग के बाबत बताया। भीड़ को नियंत्रित करने के संबंध में उठाये जाने वाले उपायों के बारे में चर्चा की। सांस्कृतिक एवं अन्य विभागों द्वारा प्रदर्शनी की व्यवस्था की भी जानकारी दी गई। बैठक में मंत्री उज्जवल रमण सिंह, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र बाजपेयी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव नगर विकास व पर्यटन, जिलाधिकारी राजशेखर, मेलाधिकारी मणि प्रसाद मिश्र आदि अधिकारी मौजूद थे।