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धर्म संसद में तैयार होगा संसद पहुंचने का खाका

समुद्र मंथन में निकले अमृत की प्राप्ति के लिए कुंभनगरी में जहां लाखों लोग जप-तप कर रहे हैं, वहीं विश्‌र्र्व हिंदू परिषद हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे पर गहन मंथन करने वाला है।

By Edited By: Published: Thu, 31 Jan 2013 11:38 AM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2013 11:38 AM (IST)
धर्म संसद में तैयार होगा संसद पहुंचने का खाका

कुंभनगर। समुद्र मंथन में निकले अमृत की प्राप्ति के लिए कुंभनगरी में जहां लाखों लोग जप-तप कर रहे हैं, वहीं विश्‌र्र्व हिंदू परिषद हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे पर गहन मंथन करने वाला है। आम श्रद्धालु जहां मोक्ष की प्राप्ति करके अपना जीवन साकार करना चाहते हैं, वहीं विहिप आगामी लोकसभा चुनाव में संसद में हिंदुत्ववादी सरकार बनवाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण सहित हिंदुत्व से जुड़े हर एजेंडा को साकार कराना चाहता है। इसके लिए सात फरवरी को धर्म संसद बैठेगी जिसमें संसद में पहुंचने का खाका तैयार किया जाएगा। अभियान का देशव्यापी असर पड़े इसके लिए पहली बार दक्षिण भारत के प्रमुख धर्माचार्यो को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा के आला नेता भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

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लोकसभा चुनाव करीब है। राजनीतिक दलों की तरह केंद्र में हिंदूवादी सरकार बनवाने के लिए विहिप ने अपनी सक्त्रियता बढ़ा दी है। अभियान में सफलता के लिए विहिप ने व्यापक रणनीति तैयार की है। कुंभ क्षेत्र स्थित विहिप के शिविर में चार फरवरी से सभाओं का दौर शुरू हो रहा है। इसमें लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए गंगा प्रदूषण, हिंदू धर्मातरण, गो हत्या, विदेशी घुसपैठ, भगवा आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा करके हिंदू जनमानस को उससे जोड़ने की योजना तैयार होगी। सात फरवरी को शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती के पंडाल में धर्म संसद व संत महासम्मेलन में हर मुद्दों पर संतों की राय लेकर उसे जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। इसमें बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा, दक्षिण भारत की माता अमृतानंदमयी, साध्वी ऋतंभरा, राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ प्रमुख मोहन भागवत सहित अनेक संप्रदायों के दस हजार से अधिक संत-महात्मा शिरकत करेंगे। जबकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, उमा भारती, सिद्धार्थनाथ सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई पूरे अमले के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए चार फरवरी को ही मेला क्षेत्र आ सकते हैं। जबकि आरएसएस के सह सरकार्यवाह मधुभाई कुलकर्णी, डॉ. कृष्णगोपाल, दत्तात्रेय ओसभोले व इंद्रेश कुमार मेला क्षेत्र हफ्ताभर रुककर संत-महात्माओं से हिंदुत्व के मुद्दे पर मंथन करेंगे।

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