समाज को अच्छा संदेश देना है
फिल्म निर्माता व टीवी क्वीन के नाम से मशहूर एकता कपूर का कहना है कि मैं अपने धारावाहिकों के जरिए समाज में एक अच्छा संदेश फैलाना चाहती हूं। साथ ही युवाओं को भी अच्छी सीख देना चाहती हूं...
एकता कपूर सशक्त महिला किरदारों की पैरोकार हैं। छोटे पर्दे पर वह प्रेरक नायिकाएं पेश करती रही हैं। लाइफ ओके पर उनकी ताजातरीन पेशकश 'कलश-एक विश्वास' है। यह शो देविका नामक शख्सियत की भगवान पर अगाध श्रद्धा और जिंदगी द्वारा ली जाने वाली अग्निपरीक्षाओं की कहानी है। दुष्कर परिस्थितियों में देविका का विश्वास डोलता है कि नहीं, 'कलश एक विश्वास' उसकी पड़ताल भी है। शो के अलावा एकता फिल्मों के फ्रंट पर भी सक्रिय हैं। उनके बैनर तले आधा दर्जन फिल्मों पर काम जारी है। उनमें क्रिकेटर अजहरूद्दीन पर बन रही फिल्म सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है।
अध्यात्म पर यकीन
एकता बातचीत का क्रम सबसे पहले अपने शो से प्रारंभ करती हैं। वह कहती हैं, 'देविका की श्रद्धा के जरिए मैं अंधभक्ति या रिलीजन को प्रोमोट नहीं कर रही। मैं विश्वास को प्रोमोट कर रही हूं। हर किसी को किसी न किसी चीज में अपार विश्वास होता है, जो उसे संबल देता है। इस कहानी में भी वही है। देविका को मां अंबे में बहुत विश्वास है। उसे लगता है कि मां अंबे उसकी हमेशा रक्षा करेंगी।' एकता खुद भी भक्ति भाव में रहती हैं। ढेरों अंगूठियां पहनती हैं। शो के जरिए कहीं आप अपनी आस्था तो नहीं थोप रहीं? पूछे जाने पर वह कहती हैं, 'मैं रिलीजन में नहीं आध्यात्म में यकीन रखती हूं। मैं पूजा-पाठ रिर्टन पाने की उम्मीद से नहीं करती। न ही मुझे ब कुछ मिल ही गया है। मैं जो भी करती हूं, वह बस इनर स्ट्रेंथ हासिल करने के लिए करती हूं।'
खुद पर नहीं कोई फिल्म
एकता कपूर की जर्नी भी प्रेरक और रोमांचक रही है। टीवी क्वीन बनने के बाद वह फिल्मों के मोर्चे पर भी अपनी व अपने बैनर की पहचान लगातार मजबूत कर रही हैं तो भविष्य में उनकी जिंदगी पर बेस्ड बायोपिक फिल्म बन सकती है? एकता जवाब देती हैं, 'अभी मैं बहुत यंग हूं। लाइफ में काफी कुछ करना है। मैं अपनी बायोग्राफी खुद लिखकर फिल्म तो बनाऊंगी नहीं। उसमें आप कभी अपनी खूब तारीफ कर लेते हैं तो कभी आलोचना। लिहाजा कोई दूसरा मुझे ऑब्जर्व कर अगर कुछ लिखना-बनाना चाहे तो वह अलग बात होगी।'
समाज को सकारात्मक संदेश
एकता कहती हैं कि मैं देविका के श्रद्धा भाव के अलावा अपने विभिन्न शो से समाज की मर्दवादी मानसिकता पर भी चोट कर रही हूं। लड़का-लड़की का अफेयर हो तो लड़कियों को ज्यादा प्रताडऩा झेलनी पड़ती है। उसे मैंने दिखाने का प्रयास किया है। ऑनर किलिंग के पैरोकारों को मैंने आड़े हाथों लिया है। साथ ही परिवार में बेटे-बेटियों के बीच आज भी जो विभेद की गहरी खाई है। लोग आज भी बेटियों को ऊंची तालीम नहीं दिलाते। उन मसलों को भी मैंने उठाया है। एक लड़की अगर मां नहीं बन सकती तो समाज उसे अधूरा करार देता है। उसका जीना हराम कर देता है। 'ये हैं मोहब्बतेंÓ में मैंने दिखाया कि एक सौतेली मां सगी मां से ज्यादा केयरिंग साबित हो सकती है। मेरा मकसद अपने शो से सोशल मैसेज देना है। 'कलश- एक विश्वास' में समाज के लिए बड़ा स्ट्रांग मैसेज है। देविका की स्वीट सी लव स्टोरी के जरिए हमने दिखाया है कि हर युवक गलत ही नहीं होता। कुछ ऐसे भी हैं, जो बढ़-चढ़कर महिलाओं का सम्मान करते हैं। वैसा ही लड़का देविका की जिंदगी में दस्तक देता है। उस लड़के का बिहेवियर हमारे युवाओं को काफी सीख देगा।
हटानी है कमर्शियलिटी की चिप्पी
वह्व प्रतिक्रया देती हैं कि जहां तक फिल्मों का मामला है तो वहां मैं मैसेज से ज्यादा मनोरंजन को तरजीह देती हूं। फिल्म को ओवर बजट नहीं होने देती, जिससे उसकी रिकवरी काफी हद तक सुनिश्चित हो जाती है। टीवी शो बनाना काफी चैलेंजिंग हो चुका है। एक टाइम था, जब टीवी में काफी पैसा मिलता था। अब काफी कम हो चुका है और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। इस साल ढेर सारी फिल्में भी बना रही हूं। वह भी वैरायटी मिजाज वाली। फैंटम के संग 'उड़ता पंजाब' कर रही हूं। एक अनुराग कश्यप के साथ बातें हैं, पर वह बहुत प्रारंभिक अवस्था में है। उस बारे में बातें भी करना मुनासिब नहीं होगा। यह जरूर है कि मैं फैंटम के संग लंबा एसोसिएशन बनाना चाहती हूं। मैं यह मिथक तोडऩा चाहती हूं कि मैं सिर्फ कमर्शियल वाइबल फिल्मों को ही सपोर्ट करती हूं।
करन से नहीं बन रही बात
एकता कहती हैं कि करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस के साथ तो पिछले दो-तीन सालों से बातें चल रही हैं, मगर अब तक कुछ भी अभी सामने नहीं आया। एक पीरियड फिल्म पर बात चल रही थी, पर वह बहुत महंगी फिल्म हो गई थी तो उस प्रोजेक्ट पर बात नहीं बनी। एक और प्रोजेक्ट पर बात चल रही है, लेकिन अभी कुछ नहीं बोलना चाहूंगी, जब तक कुछ फाइनल न हो जाए। पता नहीं करण और मेरे एसोसिएशन पर सबसे ज्यादा नजर लग जाती है।
बहुत कुछ है पाइपलाइन में
एकता का इरादा हाल-फिलहाल बड़े बजट की लकदक एक्शन फिल्में बनाने का नहीं है। वह बताती हैं, 'चार-पांच प्रोजेक्ट पर काम जारी है। एक तुषार कपूर की फ्रेंचाइज 'क्या कूल हैं हम' की अगली कड़ी है। एक हम कर रहे हैं 'ग्रैंड मस्ती' के बाद का पार्ट। क्रिकेटर अजहरूद्दीन की बायोपिक में हमने उनकी जिंदगी की अनकही चीजों को उभारा है। काफी बेबाक चैप्टर लिए हैं, उनकी लाइफ से तो हाई ऑक्टेन सिनेमा से ज्यादा फोकस मेरा हाई कंटेंट सिनेमा पर है। एक फिल्म सैफ और कंगना के संग कर रही हूं।
फॉलेन हीरो की कहानी
वह आगे बताती हैं कि अजहरूद्दीन का किरदार इमरान हाशमी प्ले कर रहे हैं, जबकि किसी बायोपिक में लिविंग लीजेंड की कद-काठी मैच करनी चाहिए? एकता कहती हैं, हम लिविंग नहीं फॉलेन हीरो की कहानी कह रहे हैं। हमने एक अलग टेक लिया है उसमें। लोग हैरत में रह जाएंगे, वह कहानी देख व सुनकर!
अमित कर्ण