एशियन गेम्स में कुश्ती में पदक रह गए कम : कोच सुजीत मान
सुजीत 2011 में सीनियर टीम के साथ कोच के रूप में जुड़े थे और तब से लेकर अब तक इस पद पर कार्यरत हैं।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। 18वें एशियन गेम्स में भारतीय पुरुष फ्री स्टाइल कुश्ती टीम के कोच सुजीत मान का मानना है कि कुश्ती में भारत के पदक कुछ कम रह गए, जबकि हम पांच से सात पदक की उम्मीद कर रहे थे।जकार्ता से दिल्ली पहुंचने के बाद सुजीत ने खास बातचीत में कहा कि हमें शुरुआत से ही बजरंग, सुशील, साक्षी और विनेश से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी क्योंकि ये चारों पहलवान अपने-अपने भार वर्ग में सर्वश्रेष्ठ हैं। लेकिन, सुशील और साक्षी का वह दिन नहीं था जिसके कारण उन्हें निराशा हाथ लगी। हमें तीन पदक हासिल हुए, लेकिन सभी ने कुल सात पदक की तो आस लगा रखी थी, क्योंकि इस बार हमारी अच्छी टीम गई थी। बजरंग और विनेश का प्रदर्शन बेहतरीन रहा।
सुजीत 2011 में सीनियर टीम के साथ कोच के रूप में जुड़े थे और तब से लेकर अब तक इस पद पर कार्यरत हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या सुशील, योगेश्वर और बजरंग के अलावा अच्छे फ्री स्टाइल पहलवानों का आना बंद हो गया है तो उन्होंने बताया कि हमारे देश में पहलवानों की कमी नहीं है, लेकिन सही समय पर उनका चलाना जरूरी है। इसमें कोई शक नहीं है कि सुशील, योगेश्वर और बजरंग अच्छे पहलवान हैं लेकिन फ्री स्टाइल में और भी अच्छे पहलवान आ रहे हैं। हां, लेकिन बड़ी चैंपियनशिप में वह नहीं चल पा रहे। यह चिंता का विषय है।
अक्टूबर में विश्व चैंपियनशिप होनी है और हमें उम्मीद है कि वहां सुशील, बजरंग और फ्री स्टाइल पहलवान अपना दमखम दिखाएंगे। इस भारतीय कोच का नाम इस साल दिए जाने वाले द्रोणाचार्य अवॉर्ड की होड़ में सबसे मजबूत माना जा रहा है और लेकिन उनका कहना है कि यह अवॉर्ड सर्वश्रेष्ठ को ही मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि जब मैं दिल्ली पहुंचा तो मुझे पता चला कि मेरे नाम को लेकर सभी अपनी सहमति दिखा रहे हैं क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ के अलावा ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, बजरंग पूनिया आदि बड़े पहलवानों ने मेरा नाम प्रस्तावित किया है।