रेसलर सुशील कुमार ने कहा- राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की गरिमा को बनाए रखना होगा
सुशील कुमार ने संकेत दिए कि चयन समिति ने जरूरत से ज्यादा नामों की सिफारिश करके राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की गरिमा को खतरे में डाला है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पुरुष पहलवान सुशील कुमार ने संकेत दिए कि चयन समिति ने जरूरत से ज्यादा नामों की सिफारिश करके राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की गरिमा को खतरे में डाला है।
चयन समिति ने इस बार खेल रत्न के लिए पांच और अर्जुन पुरस्कार के लिए 29 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की है जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है। इस स्टार पहलवान ने सीधे शब्दों में नहीं कहा लेकिन संकेत दिए कि इतने अधिक खिलाड़ियों को पुरस्कार देने से इनकी गरिमा कम होगी। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों से जुड़े गौरव को बनाए रखना जरूरी है।
सुशील ने कहा, 'जिनको नामित किया गया है, मैं उन्हें बधाई देता हूं लेकिन मुझे लगता है कि इन राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की गरिमा बनाए रखने की तरफ काम करना चाहिए। यह ओलंपिक वर्ष भी नहीं है। मैं भी एक खिलाड़ी हूं और मैं सभी के लिए खुश हूं लेकिन हमें इन पुरस्कारों से जुड़े गौरव को बनाए रखना होगा।'
इससे पहले 2016 में सरकार ने रियो ओलंपिक के प्रदर्शन के आधार पर चार खिलाड़ियों बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, पहलवान साक्षी मलिक, जिम्नास्ट दीपा करमाकर और निशानेबाज जीतू राई को खेल रत्न पुरस्कार दिया था। इस बार क्रिकेटर रोहित शर्मा, पहलवान विनेश फोगाट, महिला हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता ऊंची कूद के एथलीट मरियप्पन थंगावेलु का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए भेजा गया है जबकि अर्जुन पुरस्कार के लिए 29 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की गयी है।
नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए खेल मंत्रालय की तरफ से बनाई गई चयन समिति ने इन खिलाड़ियों का चयन करके इन पर अंतिम मुहर लगाने के लिए खेल मंत्रालय के पास भेज दिया है। अब खेल मंत्रालय को फैसला करना है कि किन्हें अवॉर्ड देना है और किन्हें नहीं।