नरसिंह डोपिंग मामला: हाई कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, बोला एक महीने में पूरी करो जांच
दिल्ली हाई कोर्ट मे पहलवान नरसिंह यादव से जुड़ी 2016 की डोपिंग मामले की जांच एक महीने में पूरी करने के केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) को आदेश दिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पहलवान नरसिंह यादव से जुड़ी 2016 की डोपिंग मामले की जांच एक महीने में पूरी करने के केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) को आदेश दिए। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने यह आदेश सीबीआइ की ओर से पेश प्रगति रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए दिया। सीबीआइ ने अदालत को बताया कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और उसे अभी थोड़ा वक्त चाहिए। इस पर पीठ ने एजेंसी को एक महीने का वक्त दिया। अगली सुनवाई छह मार्च को होगी।
सुनवाई के दौरान सीबीआइ के वकील ने कहा कि नरसिंह के साथ पूरी सहानुभूति है। वह देश के बेहतरीन पहलवानों में से एक हैं और एजेंसी भी जांच जल्द पूरी करना चाहती है। एजेंसी ने अदालत को बताया कि नरसिंह पर चार साल प्रतिबंध लगाने का आदेश देने वाले कोर्ट ऑफ आर्बिटेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) के सदस्यों से कूटनीतिक माध्यम से बातचीत करने के कई प्रयास किए हैं, जो कि विदेशों में हैं। पीठ ने इस पर सवाल उठाया कि आपने पैनल के सदस्यों से अनुरोध करने से सिवा क्या किया। पीठ ने कहा कि आपके पास कूटनीतिक माध्यम है, उसका इस्तेमाल कीजिए। पीठ ने एजेंसी को आदेश दिया कि वह पता करे कि यह सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के साथ हो रहा है या फिर अन्य देशों के खिलाड़ियों के साथ भी हुआ है।
नरसिंह की याचिका का संज्ञान लेते हुए 21 जनवरी को अदालत ने सीबीआइ को मामले में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। रियो ओलंपिक में जाने से पहले नरसिंह डोप में दोषी पाए गए थे और नाडा ने प्रतिबंध लगा दिया था। तब नरसिंह ने सोनीपत के राई पुलिस थाने में शिकायत दी थी कि उनके साथ साजिश हुई है। हालांकि, पुलिस का रवैया सुस्त रहा और जांच नहीं हुई। बाद में नरसिंह ने नाडा में भी अपील की। साजिश के संदेह को देखते हुए नाडा ने रियो ओलंपिक में खेलने के लिए भेज दिया था, लेकिन रियो में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने यह कहकर खेलने से रोक दिया कि साजिश हुई है तो पुलिस ने किसी को गिरफ्तार किया है या नहीं। वाडा ने चार वर्ष का प्रतिबंध लगाने के साथ शर्त रखी कि भारत की जांच एजेंसी दोष मुक्त करती है तो प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।