WWBC: निखत जरीन का दमदार प्रदर्शन, मनीषा ने भी प्री क्वार्टरफाइनल में बनाई जगह
निखत ने पहले राउंड से ही शानदार अंदाज में अपनी लय बरकरार रखी और अगले दो राउंड में भी अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से मुकाबले से बाहर कर दिया। निखत ने अपनी शानदार के बाद कहा वरीयता का फायदा मिलता है।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। भारत की स्टार मुक्केबाज निखत जरीन और मनीषा मौन ने महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के चौथे दिन रविवार को इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जीत हासिल करते हुए प्री क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया। निखत ने 50 किग्रा वर्ग में अल्जीरिया की बोआलम रोमायसा को 5-0 से हरा दिया। उन्होंने मौजूदा अफ्रीकी चैम्पियन को हराकर टूर्नामेंट में दूसरी जीत दर्ज की। मौजूदा विश्व चैंपियन ने शुरू से ही अल्जीरियाई मुक्केबाज के खिलाफ अपना दबदबा कायम रखा और पहले राउंड में सटीक तथा शक्तिशाली मुक्के से मुकाबले को अपने नाम किया।
निखत ने पहले राउंड से ही शानदार अंदाज में अपनी लय बरकरार रखी और अगले दो राउंड में भी अपने प्रतिद्वंद्वी को पूरी तरह से मुकाबले से बाहर कर दिया। निखत ने अपनी शानदार जीत के बाद कहा, "आज मेरी रणनीति दबदबा बनाने की थी, क्योंकि रोमायसा शीर्ष वरीय मुक्केबाज थीं। वरीयता का फायदा होता है। मुझे भी वरीयता मिली। अगर मैं शीर्ष वरीय को हराती हूं तो इससे जजों पर प्रभाव पड़ता है। मैंने उसके मुकाबले देखे हैं। अगर आप उसके करीब से खेलो तो वह काफी हावी हो जाती है और इसलिए मेरा लक्ष्य दूर से ही मुक्के जड़ने का था। अंत में मैं जीत गई और इसलिए मैं खुश हूं।"
मनीषा भी प्री क्वार्टरफाइनल में पहुंची
प्री क्वार्टरफाइनल में अब निखत का सामना मेक्सिको की हेरेरा अल्वारेज फातिमा से होगा, जो दो मुक्केबाजों के बीच पिछले संस्करण के राउंड-32 मुक्केबाजी का रीमैच होगा। निखत की तरह ही 2022 विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा (57 किग्रा) ने भी ऑस्ट्रेलिया की टीना रहीमी के खिलाफ 5-0 से जीत दर्ज की। हरियाणा की 25 वर्षीय मुक्केबाज ने फ्रंट फुट से शुरूआत की और वह पूरे बाउट में क्रूज कंट्रोल में थीं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया।
भारतीयों का मिला समर्थन
भारतीय खिलाड़ी के पास चतुराई से हमला करने की रणनीति थी और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी के हमलों को प्रभावशाली ढंग से सामना किया। मनीषा ने कहा, "हमने इस बाउट के लिए पहले से ही रणनीति बना ली थी। बाउट के बीच में कोचों की सलाह ने मुझे विपक्षी मुक्केबाज की मानसिकता को समझने में मदद की। मैंने अपने मुक्कों का पूरा इस्तेमाल किया। मैं यहां लड़ने के लिए हूं और अपने कंधों पर देश का भार उठाकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। मैं भारतीयों के अद्भुत समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करना चाहूंगी, जो महिला मुक्केबाजों को प्री-क्वार्टर तक पहुंचने में मदद करने में महत्वपूर्ण रहा।"