विश्व खिताब जीतना किसी सपने के सच होने जैसा : मानसी जोशी
मानसी जोशी ने पहला विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने के बाद कहा कि यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।
बासेल (स्विट्जरलैंड), आइएएनएस। भारत की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी ने पहला विश्व चैंपियनशिप खिताब जीतने के बाद कहा कि यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने महिला सिंगल्स वर्ग के फाइनल में यहां शनिवार को हमवतन पारुल परमार को 21-12, 21-7 से पराजित किया। जोशी ने 2011 में एक दुघर्टना में अपना बायां पैर खो दिया था और चार साल बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। वह पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करती हैं।
मैच जीतने के बाद जोशी ने कहा, 'मैंने बहुत कठिन ट्रेनिंग की है। मैंने एक दिन में तीन सत्रों में ट्रेनिंग की है। मैंने फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया था, इसलिए मैंने कुछ वजन भी कम किया और अपनी मांसपेशियों को बढ़ाया। मैंने जिम में अधिक समय बिताया, सप्ताह में छह सत्रों में ट्रेनिंग की। मैंने अपने स्ट्रोक्स पर भी काम किया, मैंने इसके लिए अकादमी में हर दिन ट्रेनिंग की। मैं समझती हूं कि मैं लगातार बेहतर हो रही हूं और अब यह दिखना शुरू हो गया है।'
अपने सफर के बारे में जोशी ने कहा, 'मैं 2015 से बैडमिंटन खेल रही हूं। विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतना किसी सपने के सच होने जैसा होता है।' जोशी ने बताया कि वह चलने के लिए अब नए वॉकिंग प्रोसथेसिस सॉकेट का उपयोग कर रही हैं। इससे पहले वह पांच साल से एक ही सॉकेट का इस्तेमाल कर रही थीं जिसके कारण वर्कआउट के दौरान उनकी रफ्तार धीमी हो रही थी।