एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली विनेश फोगाट का लखनऊ से है खास नाता
विनेश लखनऊ को अपने लिए लकी भी मानती हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। एशियन गेम्स में महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती के 50 किग्रा वर्ग की स्वर्ण विजेता विनेश फोगाट का लखनऊ से खास रिश्ता है। लखनऊ उनके लिए दूसरे घर की तरह है। विनेश लखनऊ को अपने लिए लकी भी मानती हैं।
पदक विजेता विनेश ने एशियन गेम्स में जाने से पहले कहा था कि लखनऊ के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) सेंटर में तो हम सबका आना जाना लगा ही रहता है। मेरे लिए तो लखनऊ 'दूसरे घर' की तरह है। लखनऊ हमारे लिए लकी रहा। कई मायनों में यहां की ट्रेनिंग हम सभी महिला पहलवानों के लिए बेहतरीन रही। अहम है कि लखनऊ के साई सेंटर में सब जूनियर एवं जूनियर महिला पहलवानों के नेशनल कैंप लगते हैं। खासतौर पर जूनियर और सब जूनियर खिलाडि़यों को अपने सीनियरों के बीच रहकर ट्रेनिंग करने से खासा लाभ होता है।
साई सेंटर में मना जश्न
सोमवार को जूनियर पहलवानों ने अपने अभ्यास को कुछ ब्रेक दिया और सुबह से ही टीवी के सामने जम गईं। सोमवार सुबह से ही महिला कुश्ती के मुकाबले थे। साक्षी मलिक की हार की निराशा को विनेश के फाइनल में जगह बनाने की खबर ने खत्म कर दिया। शाम पांच बजे फाइनल रिजल्ट भी आ गया और विनेश ने सोने पर कब्जा कर लिया। कुछ ही पलों में यह खबर पूरे सेंटर में फैल गई और अपनी सीनियर खिलाड़ी के लिए जश्न मनाने की तैयारी जूनियर पहलवानों ने शुरू कर दी। हर तरफ विनेश के धमाकेदार प्रदर्शन की ही चर्चा थी। मिठाई का दौर चला और विनेश कई जूनियर पहलवानों की रोल मॉडल बन गईं।
लखनऊ की ट्रेनिंग सबको भाई
तीन साल पहले भारतीय कुश्ती संघ और लखनऊ साई सेंटर के बीच नेशनल कैंप की सहमति बनी। सेंटर की कार्यकारी निदेशक रचना गोविल बताती हैं कि हमारा प्रयास हर पहलवान पर फोकस करना है। उसके हिसाब से चीजें तय की जाती है। हर बच्चे पर फोकस किया जाता है। कोई विशेष ही हमारे लिए सबकुछ नहीं है। हम पैमानों पर उन्हें नहीं ढालते, बल्कि मानकों और उनकी मजबूती के मुताबिक काम करते हैं।
सेंटर में नेशनल कैंपर्स के लिए बना 100 बेड वाला हॉस्टल हमेशा महिला पहलवानों से पटा रहता है। सेंटर में कुश्ती के अलावा अन्य खेलों के नेशनल कैंप बमुश्किल लग पाते हैं क्योंकि हॉस्टल खाली ही नहीं हो पाता। रचना गोविल बताती हैं कि बहुत खुशी होती है कि जब हमारे यहां ट्रेनिंग करके बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतते हैं। जब से कुश्ती के कैंप शुरू हुआ है, तब से खिलाडि़यों के प्रदर्शन में भी सुधार आया है।
'विनेश बहुत अनुशासित और फोकस वाली पहलवान हैं। वह निश्चित रूप से युवा खिलाडि़यों के लिए आदर्श हैं। वह पूरे जज्बे से अभ्यास सत्र में हिस्सा लेती हैं। विनेश की जीत से पूरे भारतीय दल का हौसला बढ़ा होगा।' (- रचना गोविल, लखनऊ के साई सेंटर की कार्यकारी निदेशक)