वर्षो की मेहनत ने बनाया एशियन चैंपियन : विनेश फोगाट
विनेश फोगाट एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली देश की पहली महिला पहलवान हैं।
विनेश फोगाट एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली देश की पहली महिला पहलवान हैं। अपने बुरे दौर से निकलकर जकार्ता में चैंपियन बनीं विनेश का कहना है कि चैंपियन बनने के लिए एक खिलाड़ी को स्वयं मजबूत होना होता है। जकार्ता तक के सफर व भविष्य की तैयारियों को लेकर विनेश फोगाट से अनिल भारद्वाज ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :
-रियो ओलंपिक में आपके घुटने में चोट लगी थी। इसके बाद वापसी करना कितना मुश्किल रहा?
- रियो में मेरी तैयारी फाइनल खेलने की थी और चोट के साथ सब खत्म हो गया था। वो दौर मेरे लिए बहुत दर्द देने वाला था। लेकिन, मैंने वापसी करने की ठान ली थी, जिसमें मेरे खुद के हौसले के साथ मेरी बड़ी बहन प्रियंका और अन्य बहनों व मां का बड़ा सहयोग रहा।
-रियो में चीन की पहलवान के खिलाफ मुकाबले में चोट लगी थी। जकार्ता में वह फिर पहले ही मुकाबले में आपके सामने थी। क्या कुछ चल रहा था मन में?
- रियो की चोट के बाद चीनी पहलवान के साथ मेरे दो बार मुकाबले हुए थे और मैं हार गई थी लेकिन जकार्ता में जब मुझे पता चला कि मेरा पहला मुकाबला उनके साथ है तो मेरे ठान लिया था कि उसे हार का कड़ा दर्द देना है और इसके लिए मुझे कोई कसर नहीं छोड़नी है जिसके बाद पछतावा रहे। उसमें कामयाब रही।
-जकार्ता में आपने जिन देशों की पहलवानों को हराया है उन देशों के पहलवान ओलंपिक में चैंपियन हैं?
- जब पहला मुकबला चीनी पहलवान से हुआ तो वह मेरे लिए फाइनल जैसा था। क्योंकि मैं उससे चोट खाने के साथ कई बार हार चुकी थी, लेकिन मैंने उसे हरा दिया। बेहतर शुरुआत होने से मेरा हौसला बढ़ा और मैं क्वार्टर फाइनल में कोरिया की पहलवान को, सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की और फिर फाइनल में जापानी पहलवान को हारने में कामयाब रही।
-कॉमनवेल्थ के मुकाबले एशियन गेम्स में पदक जीतना ज्यादा मुश्किल है और आप स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनी हैं।
- मेरी तैयारी पिछले कई वर्षो से थी। एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक की कोशिश रही, लेकिन जीत नहीं पाई। मैं जकार्ता में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने आई थी और कामयाब रही।
-अक्टूबर में विश्व चैंपियनशिप और 2020 टोक्यो ओलंपिक है। पदक की तैयारी कैसी रहेगी?
- हां, अगले दो वर्ष मेरे जीवन के अहम हैं लेकिन टोक्यो से पहले विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीतना चाहूंगी और स्वर्ण पदक ही जीतना चाहूंगी।