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EXCLUSIVE: मैं राजनीति में घूमने-फिरने नहीं आया हूं : विजेंदर सिंह

भारत के सफलतम पुरुष मुक्केबाज विजेंदर सिंह अब राजनीतिक मैदान में कूद गए हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 05:04 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 05:04 PM (IST)
EXCLUSIVE: मैं राजनीति में घूमने-फिरने नहीं आया हूं : विजेंदर सिंह
EXCLUSIVE: मैं राजनीति में घूमने-फिरने नहीं आया हूं : विजेंदर सिंह

बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक और ग्वांगझू एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन पदक जीतने वाले भारत के सफलतम पुरुष मुक्केबाज विजेंदर सिंह अब राजनीतिक मैदान में कूद गए हैं। वह देश की राजधानी की दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। उनका कहना है कि मैं राजनीति में घूमने फिरने नहीं आएं हैं। मंगलवार को नामांकन दाखिल करने के बाद अभिषेक त्रिपाठी ने विजेंदर सिंह से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-

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-मुक्केबाजी से राजनीति अखाड़े में कूदना आपके लिए कितना कठिन होने वाला है?

-राजनीति, मुक्केबाजी से तो कठिन नहीं होने वाली है। यह तो आप जानते ही हैं, लेकिन यहां जिम्मेदारियां ज्यादा हैं। ज्यादा लोगों से मिलना होता है। अगर आप लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करेंगे तो तो अच्छे नेता नहीं बन पाएंगे।

-अचानक राजनीति का ख्याल कैसे आया? और कांग्रेस को ही क्यों चुना?

-मैनें क्रांतिकारी भगत सिंह की एक लाइन पढ़ी थी कि जब तक युवा राजनीति में नहीं आएगा तब देश तरक्की नहीं करेगा। मैंने इसी से प्रेरणा ली है। मेरी सोच और विजन कांग्रेस पार्टी से मिलती है। और मैंने उन्हें नहीं बल्कि उन्होंने मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया।

-लोग मोदी लहर की बात कर रहे हैं। आप इसको किस तरह से देखते हैं। क्या मोदी कोई मुददा हैं?

-नहीं मुझे नहीं लगता। मेरे लिए यह चुनाव बिल्कुल कठिन नहीं होने वाला है। मुझे नहीं लगता कि लोग अब इतना झूठ सह पाएंगे। 2014 में एक काल्पनिक दुनिया दिखाई गई थी जिसे देश ने देखा और मान लिया। अब ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। मोदी रैलियां करते हैं और एक ही बात बोलते हैं कि पाकिस्तान का ये कर देंगे। पाकिस्तान का वो हो गया। मुझे लगता है कि जनता चाहती है कि उनके काम की बात की जाए। मोदी राष्ट्रवाद को मुददा बनाए रखना चाहते हैं।

-आप जब पदक जीतते थे तो सबसे पहले तिरंगा आपके हाथ में होता था। तो आपका राष्ट्रवाद मोदी के राष्ट्रवाद से अलग कैसे है?

-मैंने तो ओलंपिक पदक जीतकर देश को अपना राष्ट्रवाद दिखाया है। उन्होंने क्या किया है। मैंने कभी दिखावटीपन और झूठ बोलकर कुछ नहीं किया है। आप देख लीजिए, सोशल मीडिया झूठ नहीं बोलता है। सब कुछ सोशल मीडिया पर मौजूद है कि उन्होंने पांच साल में कैसे झूठे वादे किए। युवा जागरूक है वह अब इन चीज को नहीं मानता है।

- तो आप भी राहुल गांधी की तरह कहेंगे कि चौकीदार चोर है?

-मैं नहीं यह तो जनता कह रही है।

-लेकिन जानकार कह रह हैं कि कांग्रेस सरकार नहीं बना पाएगी? आप कैसी सरकार चाहते हैं?

-मैं चाहता हूं ऐसी सरकार बने जो देश को अच्छा माहौल दे। झूठे वादे ना करे। यह लोकतंत्र है। सब कुछ स्कि्रप्ट की तरह नहीं चलना चाहिए। इस समय की सरकार स्कि्रप्ट की तरह चल रही है। यह होगा तो यह बोला जाएगा। वे कहते हैं कि सबकुछ देश के लिए कर रहे हैं लेकिन जब लोगों को ही मार दोगे तो कैसे चलेगा?

-आप के अलावा राज्यवर्धन राठौर, गौतम गंभीर, कृष्णा पूनिया जैसे खिलाड़ी चुनाव भी लड़ रहे हैं। क्या इससे खेलों का कुछ भला होगा?

-वर्तमान सरकार के खेल मंत्री एक खिलाड़ी हैं। हालांकि इस दौरान मैं उनके संसदीय क्षेत्र जयपुर नहीं गया लेकिन लोगों से बातें पता चली हैं। हालांकि कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। खिलाडि़यों को ऐसा नेता नहीं बनना चाहिए जो सारा समय बड़ों की खुशामद करने में ही निकाल दे।

-आप अभी भी पेशेवर मुक्केबाजी कर रहे हैं। क्या वह छोड़ेंगे?

-नहीं मुक्केबाजी की वजह से मैं यहां तक पहुंचा हूं। मैं उसे नहीं छोडूंगा। लोग कहते हैं कि मैं राजनीति में घूमने-फिरने आया हूं लेकिन ऐसा नहीं है। खिलाड़ी बहुत मेहनत करने वाला होता है। आप देख सकते हैं कि एक ड्राइवर का बेटा यहां तक पहुंच गया है। सपना सबका सच हो सकता है।

- खिलाडि़यों को आपसे क्या अपेक्षा रखनी चाहिए?

-मैं अब भी सबके लिए विज्जू ही रहूंगा। मैं उनके लिए जो पहले करता था वह आगे भी करूंगा। मैं खिलाडि़यों के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा। ज्यादा मेहनत है लोगों से मिलना होगा।

-आप हरियाणा से हैं और दक्षिण दिल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं। यह कितना मुश्किल होने वाला है?

-मैं बाहरी नहीं हूं। दिल्ली के वसंत कुंज में भी मेरा घर है। मैं यहां चार-पांच साल से रह रहा हूं। आप आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को बाहरी कह सकते हैं, जो दक्षिण दिल्ली में नहीं रहते हैं लेकिन यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। रही बात भाजपा उम्मीदवार की तो वह यहां लोगों से मिलने भी नहीं आते हैं। पहले झूठे वादे करते हैं और चुनाव आते ही वोट मांगने आ जाते हैं। सभी को बदलाव की जरूरत है। राहुल गांधी की एक बहुत अच्छी लाइन भी है कि अब होगा न्याय। मैं न्याय करूंगा।

-दक्षिणी दिल्ली के लिए आपका विजन क्या है?

- मैं युवाओं के भविष्य के लिए काम करना चाहता हूं। मैं कल क्या हुआ था उस पर रोऊंगा नहीं बल्कि आगे के लिए काम करूंगा। मैं भविष्य की योजनाओं पर काम करना चाहता हूं।

-आम आदमी पार्टी कह रही है कि कांग्रेस दिल्ली में सिर्फ वोट कटवा पार्टी है। आप क्या कहेंगे?

-कांग्रेस पार्टी बहुत पुरानी पार्टी है। शीला दीक्षित दिल्ली में 15 साल मुख्यमंत्री रहीं। देखिए उन्होंने कितना अच्छा काम किया था। कांग्रेस इस बार दिल्ली में बहुत अच्छा करेगी और बहुत चीजें बदलेंगी। भविष्य में इन्हीं पर काम होगा।


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