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ऑस्ट्रेलियाई कॉमनवेल्थ गेम्स में दर्शक बनकर जाएंगे बोल्ट

31 वर्षीय बोल्ट ने पिछले साल अगस्त में हुई लंदन विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के बाद संन्यास ले लिया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 10:16 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 11:44 AM (IST)
ऑस्ट्रेलियाई कॉमनवेल्थ गेम्स में दर्शक बनकर जाएंगे बोल्ट
ऑस्ट्रेलियाई कॉमनवेल्थ गेम्स में दर्शक बनकर जाएंगे बोल्ट

सिडनी, एएफपी। जमैका के दिग्गज धावक उसेन बोल्ट अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चार से 15 अप्रैल तक होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में दर्शक बनकर जाएंगे और 100 और 200 मीटर फाइनल की रेस देखेंगे।

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31 वर्षीय बोल्ट ने पिछले साल अगस्त में हुई लंदन विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के बाद संन्यास ले लिया था। इसके बाद उन्होंने फुटबॉल की ओर रुख किया जहां उनके इस खेल में पदार्पण करने की चर्चा चल रही है। इस बीच उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को विकेट पर तेजी से रन लेने की कुछ सलाह भी दी थी। बोल्ट यहां 100 और 200 मीटर की रेस में हिस्सा लेने वाले पूर्व विश्व चैंपियन जमैका के धावक योहान ब्लेक का मुकाबला देख सकते हैं। ब्लेक रविवार को ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे। ब्लेक ने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर अभ्यास करूंगा और उम्मीद है कि मुझे यहां जीतने में ज्यादा समस्या नहीं होगी। मेरे पास कॉमनवेल्थ गेम्स का कोई पदक नहीं है इसलिए यहां हिस्सा लेने मेरे लिए महत्वपूर्ण है। बोल्ट के संन्यास लेने के बाद प्रतिस्पर्धा रोचक होने की उम्मीद कम है। 28 वर्षीय ब्लेक 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे।

घबराहट से मिलेगी मदद : सेंटियागो

भारतीय मुक्केबाजी टीम के हाई परफॉर्मेस मैनेजर सेंटियागो नीएवा का मानना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स सहित इस साल होने वाले बड़े टूर्नामेंटों से पहले मैं थोड़ा घबराया हुआ हूं लेकिन इससे भी मदद मिलती है। भारतीय मुक्केबाजों ने पिछली बार 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में चार रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया था। भारत सूची में 12वें स्थान पर रहा था। आठ पुरुष और चार महिला मुक्केबाजों की टीम कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए कैनबरा में लगने वाले प्रशिक्षण शिविर के लिए सोमवार को रवाना हुई। उन्होंने कहा कि मेरा यह पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स होगा। मैंने पैन-अमेरिकन गेम्स में हिस्सा लिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद एशियन गेम्स होने है और मैं इस साल सभी टूर्नामेंटों को कवर करूंगा।

मैं इन बड़े टूर्नामेंटों से पहले थोड़ा घबराया हुआ हूं लेकिन इससे मदद भी मिलती है। हालांकि इससे यह भी देखने को मिलेगा कि मुक्केबाज अपना सर्वश्रेष्ठ कर पाते या खराब, ये उन पर निर्भर करता है। उन्होंने कि मुक्केबाजों का टीम में चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया गया है लेकिन इसलिए ट्रायल की जरूरत को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए। अगल कॉमनवेल्थ गेम्स में कोई मुक्केबाज स्वर्ण पदक जीतता है तो उसे एशियन गेम्स में खेलने की प्राथमिकता पहले देनी चाहिए। हालांकि कॉमनवेल्थ के बाद ही पता चलेगा कि कौन सा मुक्केबाज फिट या फॉर्म में है।

शरत को दो स्वर्ण की उम्मीद

भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल के तीन में से दो कॉमनवेल्थ स्वर्ण पदक ऑस्ट्रेलिया में ही आए थे। 12 साल बाद भारत के शरत अब दोबारा से यहां पर दो स्वर्ण पदक जीतना चाहते हैं।

35 वर्षीय शरत ने 2006 में कॉमनवेल्थ गेम्स में टीम और सिंगल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया था। भारतीय खिलाड़ी ने हाल ही में कतर ओपन में विश्व के नंबर सात खिलाड़ी कोकी निवा को हराया था, जो उनके करियर की सबसे बड़ी जीत भी थी। शरत ने कहा कि मुझे लगता है कि इस बार मेरे पास सिंगल्स, टीम, डबल्स, मिक्स्ड डबल्स चारों में ही पदक जीतने का अच्छा मौका है। भारत के पास शीर्ष 100 रैंकिंग में शामिल छह पुरुष खिलाड़ी हैं। ऐसे में भारत की पदक जीतने की उम्मीद बढ़ जाती है।

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