कॉमनवेल्थ यूथ अवार्ड्स की होड़ में दो भारतीय भी
मृणालिनी ने अपने अभियान के जरिये यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं महिलाएं तक पहुंचाने में मदद की।
लंदन, प्रेट्र। लैंगिक समानता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2018 के कॉमनवेल्थ यूथ अवार्ड्स की होड़ में दो भारतीय भी शामिल हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मृणालिनी दयाल और योगेश कुमार को इन पुरस्कारों के लिए राष्ट्रमंडल के 53 सदस्य देशों से चुने गए अंतिम 20 लोगों की सूची में जगह मिली है। मृणालिनी ने 'हेल्थ ओवर स्टिग्मा' अभियान चलाकर और योगेश ने सामाजिक उद्यम 'इवेन कार्गो' के जरिये अपनी अलग पहचान बनाई है। दोनों ही दिल्ली के रहने वाले है।
कॉमनवेल्थ यूथ प्रोग्राम के एक बयान में कहा गया है, 'इस पुरस्कार के जरिये 15 से 29 वर्ष के उन लोगों के उत्कृष्ट कार्यो की सराहना की जाती है जिनकी नवाचार योजनाएं समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। इस साल समाज के उत्थान में युवाओं के सहयोग और भागीदारी पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। लंदन में अप्रैल में होने वाली राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक में यह प्रमुख विषयों में शामिल है।'
मृणालिनी ने अपने अभियान के जरिये यौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं महिलाएं तक पहुंचाने में मदद की। वहीं, योगेश ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देते हुए अपने उद्यम में महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार दिया। भारत में सामान्य तौर पर कोरियर सेवा में पुरुष कर्मचारी ही काम करते हैं।