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भारत पहुंचे टोक्यो ओलंपिक मेडल विजेता, जानिए घर लौटे पदकवीरों के दिल का हाल

टोक्यो ओलिंपक में शानदार प्रदर्शन कर देश के लिए मेडल जीतने वाले धुरंधर खिलाड़ी भारत लौट आए हैं। दिल्ली के एयरपोर्ट पर इन सभी का शानदार स्वागत किया गया। फैंस ने ढोल बजाकर गुलाल उड़ाते हुए फूलमाला पहनाकर अपने चैंपियन का स्वागत किया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 11:35 PM (IST)
भारत पहुंचे टोक्यो ओलंपिक मेडल विजेता, जानिए घर लौटे पदकवीरों के दिल का हाल
भारत के लिए ओलिंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ी- फोटो ट्विटर पेज

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। टोक्यो ओलिंपक में शानदार प्रदर्शन कर देश के लिए मेडल जीतने वाले धुरंधर खिलाड़ी भारत लौट आए हैं। दिल्ली के एयरपोर्ट पर इन सभी का शानदार स्वागत किया गया। फैंस ने ढोल बजाकर, गुलाल उड़ाते हुए फूलमाला पहनाकर अपने चैंपियन का स्वागत किया। खेल मंत्री ने एक सम्मान समारोह में सभी मेडल विजेता का सम्मान किया। चलिए हम आपको बताते हैं कि कौन से खिलाड़ी ने भारत आने के बाद क्या कहा।

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'मुझे पता था कि मैंने कुछ विशेष कर दिया है, असल में मैंने सोचा कि मैंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। स्वर्ण पदक हासिल करने के अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि वह प्रदर्शन इतना विशेष था, शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी। यह पदक पूरे देश के लिए है। मुझे लंबे बाल पसंद हैं लेकिन मैं गर्मी से परेशान हो रहा था, लंबे बालों से काफी पसीना आता था। इसलिए मैंने बाल कटवा दिए।'

नीरज चोपड़ा, स्वर्ण पदक विजेता, एथलेटिक्स

'मैं घर वापस आकर बहुत खुश हूं। मुझे पता था कि भारत में लोग बहुत खुश होंगे, लेकिन यहां वापस आने के बाद पहली बार इतना प्यार पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं इस तरह के और पदकों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी।'-

लवलीना बोरगोहाई, कांस्य पदक विजेता, मुक्केबाज

'यह बहुत अच्छा लगता है, मैं सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और भारतीय ओलिंपिक संघ (आइओए) को हमारे क्वरांटाइन के दौरान मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने हमें पूरा सहयोग दिया।'-

मनप्रीत सिंह, कांस्य पदक विजेता, पुरुष हाकी कप्तान

'मैंने आखिरी मुकाबला (टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक) बिना नी(घुटने) कैप के (चोट के बावजूद) खेला। मैंने सोचा कि अगर मेरे घुटने में चोट लग गई तो मैं आराम करूंगा। मैंने सोचा था कि मुकाबला मेरी जिंदगी बदल सकता है इसलिए मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की।'-

बजरंग पूनिया, कांस्य पदक विजेता, कुश्ती


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