बेल्जियम को फाइनल में पहुंचने से रोक सकती है भारतीय हाकी टीम- धनराज पिल्लै
धनराज पिल्लै ने कहा कि सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ एकदम नया मुकाबला होगा। भारतीय टीम बेल्जियम को फाइनल तक पहुंचने से रोक सकती है। अभी तक टीम इंडिया ने मैदान के अंदर और मैदान के बाहर जिस तरह खुद को संभाला है उस पर पूरे देश को नाज है।
(धनराज पिल्लै का कालम)
भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए ये शानदार रविवार रहा। लगातार दो ओलिंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने के लिए पीवी सिंधु को बहुत बधाई। पदक तक का उनका सफर बहुत प्रेरणादायी है और इससे युवा भारतीयों को ये भरोसा भी मिलेगा कि वो अपने सपनों को पूरा करने में यकीन कर सकें। अब हाकी की बात करते हैं। कहा जाता है कि रोम एक दिन में नहीं बना था। उसी तरह इस हाकी टीम ने भी इन सात दिनों में वो कुछ दिखाया है जिसकी तैयारी उन्होंने पांच साल से की। आस्ट्रेलिया से मिली 1-7 की करारी हार के बाद मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मजबूती से खड़े रहकर पुरुष हाकी सेमीफाइनल में जगह बनाई। खेल गलतियों से सबक लेने का नाम है। भारतीय खिलाडि़यों ने अपने आखिरी चार मैचों में ठीक ऐसा ही किया। इसमें एक बार की चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 3-1 की जीत भी शामिल है।
ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भारत ने नियंत्रित खेल दिखाया और एकजुट होकर प्रदर्शन किया। करो या मरो के मैच में तीन मैदानी गोल देखना बेहद सुखद अनुभव है। खासतौर पर तब जबकि भारतीय टीम की फारवर्डलाइन पर अच्छे प्रदर्शन का काफी दबाव था। दिलप्रती सिंह और गुरजंत सिंह गेंद को अंदर लेकर आए और फिर हार्दिक सिंह ने टीम को तीसरा गोल दिया। तीनों में सबसे बेहतरीन गोल दिलप्रीत की हाकी स्टिक से निकला। सिमरनजीत सिंह से जब गेंद उनके पास आई तो उन्होंने बेहद खूबसूरती से इसे अंजाम तक पहुंचाया। हार्दिक का गोल इसलिए भी शानदार रहा क्योंकि उन्होंने गेंद पर बहुत अच्छी तरह काबू किया और अपने दिमाग को खुला रखते हुए स्थिति का अच्छी तरह जायजा लिया।
भारतीय टीम का ये सफर अपने तीसरे ओलिंपिक में हिस्सा ले रहे ग्रेट इंडियन वाल गोलकीपर पीआर श्रीजेश के सुरक्षित हाथों में है। तीसरे और चौथे क्वार्टर में जब ब्रिटेन की टीम गोल करने के लिए बेहद आक्रामक थी तब श्रीजेश ने बेशकीमती बचाव किए। श्रीजेश टीम के लिए एक मोटिवेटर भी साबित हुए हैं। ये जिम्मेदारी वो बहुत धैर्य और शांति से निभाते हैं। एक जीत के बाद सुधार पर बात करना अजीब हो सकता है, लेकिन हमें 2-0 की बढ़त बनाने के बाद गेंद पर अधिक से अधिक कब्जा जमाने पर फोकस करना चाहिए था और पेनाल्टी कार्नर हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए थी। ब्रिटेन ने तीसरे क्वार्टर में हमलावर होने की कोशिश की। मुझे लगता है कि श्रीजेश के सामने हमारे डिफेंस ने ब्रिटेन के हमलों को रोकने के लिए अच्छा काम किया।
सेमीफाइनल में बेल्जियम के खिलाफ एकदम नया मुकाबला होगा। मुझे उम्मीद है कि भारतीय टीम बेल्जियम को फाइनल तक पहुंचने से रोक सकती है। अभी तक टीम इंडिया ने मैदान के अंदर और मैदान के बाहर जिस तरह खुद को संभाला है, उस पर पूरे देश को नाज है। हमें खिलाड़ियों को कार्ड मिलने से भी बचाना होगा क्योंकि बेल्जियम के खिलाफ दस खिलाड़ियों से खेलना काफी मुश्किल हो सकता है। देश को पूरा विश्वास है कि ये ऐतिहासिक दिन होगा। वहीं, महिला टीम ने भी जिस तरह चीजें अपने पक्ष में की वो सराहनीय काम है। मैंने सोमवार सुबह ये मैच देखा और जिस तरह भारतीय महिला टीम ने अपनी योजना को लागू किया उसे देखकर मैं खुश हूं। गुरजीत कौर ने पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाया, उसे देखकर मैं काफी खुश हूं। अंत में मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को उनके सेमीफाइनल मुकाबले के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।