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तलवारबाज भवानी देवी Tokyo Olympics 2020 से हुईं बाहर, लेकिन नहीं हैं निराश

भारत को ओलिंपिक में भाग लेते-लेते 100 साल का समय हो गया है लेकिन पहली बार टोक्यो ओलिंपिक 2020 में कोई महिला तलवारबाज मैदान में उतरी। पहला मुकाबला भवानी देवी ने जीता लेकिन अगले ही मैच में वे लड़ते-लड़ते हार गईं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:45 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:45 PM (IST)
तलवारबाज भवानी देवी Tokyo Olympics 2020 से हुईं बाहर, लेकिन नहीं हैं निराश
भवानी देवी दूसरे मुकाबले में हार गईं (फोटो ट्विटर)

टोक्यो, पीटीआइ। भारतीय तलवारबाज भवानी देवी ने अपने ओलिंपिक पदार्पण पर आत्मविश्वास भरी शुरुआत करके आसानी से पहला मैच जीता लेकिन, सोमवार को यहां दूसरे मैच में चौथी वरीयता प्राप्त मैनन ब्रूनेट से हारकर वह टूर्नामेंट से बाहर हो गई। भवानी देवी को महिलाओं की व्यक्तिगत साबरे के दूसरे मैच में रियो ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली ब्रूनेट से 7-15 से हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने इससे पहले ट्यूनीशिया की नादिया बेन अजीजी को 15-3 से हराकर दूसरे दौर में प्रवेश किया था।

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भवानी ने कहा कि उन्होंने ब्रूनेट के खिलाफ गलतियां कीं, लेकिन उन्हें खुशी है कि उन्होंने दुनिया की चोटी की तलवारबाज को कड़ी चुनौती दी। उन्होंने कहा, "मैं पहले हाफ में अच्छी तरह से तलवार चलाकर अंक नहीं बटोर सकी। दूसरे हाफ में मैंने कुछ बदलाव किए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मुझे खुशी है कि मैंने दुनिया की एक चोटी की तलवारबाज के खिलाफ मुकाबला किया। इस बीच मैंने कुछ गलतियां कीं, लेकिन ऐसा होता है। साबरे में बहुत तेजी होती है। पहली बार भारतीय तलवारबाजी देख रहे होंगे। इसलिए मुझे खुशी है कि मैं उन्हें अपना खेल दिखा सकी।"

चेन्नई की इस खिलाड़ी ने कहा कि उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक से अनुभव हासिल किया है, जिसका उन्हें भविष्य में फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा, "यह मेरा पहला ओलिंपिक है और मैं बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी, लेकिन मुझे इस ओलिंपिक से अनुभव मिला। यहां मुझे काफी कुछ सीखने को मिला जिससे मुझे आगे सुधार करने में मदद मिलेगी।" ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय तलवारबाज भवानी के लिए ब्रूनेट का सामना करना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने तब भी अपना जज्बा बनाए रखा और ब्रूनेट को दूसरे पीरियड में कड़ी चुनौती दी।

भवानी देवी पहले पीरियड में 2-8 से पीछे हो गई थीं। ब्रूनेट ने दूसरे पीरियड की भी अच्छी शुरुआत की और स्कोर 11-2 कर दिया। भवानी ने इसके बाद लगातार चार अंक बनाए, लेकिन वह नौ मिनट 48 सेकेंड तक चले मुकाबले में ब्रूनेट को पहले 15 अंक तक पहुंचने से नहीं रोक पाई। इस स्पर्धा में जो भी तलवारबाज पहले 15 अंक हासिल करता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।

इससे पहले भवानी ने अजीजी के खिलाफ शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने अजीजी के खुले स्टांस का फायदा उठाया। इससे उन्हें अंक बनाने में मदद मिली। 27 वर्षीय भवानी ने तीन मिनट के पहले पीरियड में एक भी अंक नहीं गंवाया और 8-0 की मजबूत बढ़त बना ली। नादिया ने दूसरे पीरियड में कुछ सुधार किया लेकिन, भारतीय खिलाड़ी ने अपनी बढ़त मजबूत करनी जारी रखी तथा छह मिनट 14 सेकेंड में मुकाबला अपने नाम किया।


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