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टोक्यो ओलंपिक का हर वो घटनाक्रम जो आपके लिए जानना जरूरी है, PM ने भी झेली है आलोचना

टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेल कोरोना वायरस की वजह से एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 09:45 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 09:45 AM (IST)
टोक्यो ओलंपिक का हर वो घटनाक्रम जो आपके लिए जानना जरूरी है, PM ने भी झेली है आलोचना
टोक्यो ओलंपिक का हर वो घटनाक्रम जो आपके लिए जानना जरूरी है, PM ने भी झेली है आलोचना

टोक्यो, एएफपी। ओलंपिक 2020 का आयोजन टोक्यो में होने जा रहा था, जिसके लिए सब कुछ तय था। 22 जुलाई से 9 अगस्त तक टोक्यों में ओलंपिक खेल होने थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ओलंपिक खेलों को स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले ओलंपिक अधिकारियों ने टोक्यो की सराहना अब तब के सबसे अच्छे मेजबान शहर के रूप में की, लेकिन कोई भी कोरोना वायरस महामारी से निपटने की योजना नहीं बना सका, जिससे 2020 खेलों के अभूतपूर्व स्थगन के लिए मजबूर होना पड़ा। आयोजकों ने तैयारियों से सबका दिल जीता, लेकिन वायरस के प्रकोप का खतरा पैदा होने से पहले कई बार इस पर संकट के बादल छाए रहे। इस दौरान भ्रष्टाचार और बजट की गड़बड़ी के आरोपों का साया खेलों पर पड़ा।

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2013 में मिली मेजबानी

सितंबर 2013 में टोक्यो को आइओसी ने ओलंपिक की मेजबानी सौपी जिसके बाद जापान के हजारों लोग खुशी से झूम उठे। प्रधानमंत्री एबी शिंजो ने वादा किया कि टोक्यो सुरक्षित हाथों में है।

2015 में जापान ने झेली आलोचना

वर्ष 2015 में ओलंपिक के लिए सबसे महंगे स्टेडियम के कारण आलोचना झेलने के बाद प्रधानमंत्री शिंजो अबे को राष्ट्रीय स्टेडियम के खाके को रद करना पड़ा जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, "मैंने फैसला किया है कि हमें फिर से इसका खाका तैयार करना होगा। सितंबर 2015 में चोरी का आरोप लगने के बाद इसके प्रतीक चिन्ह को रद कर दिया गया। डिजायनर ओलिवियर डेबी ने आरोप लगाया कि इसका लोगो बेल्जियम के थिएटर से चुराया गया है। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जिसके बाद आयोजन समिति ने यह कहते हुए प्रतीक चिन्ह को वापस ले लिया, "जनता को इसका समर्थन हासिल नहीं है।"

2018 में ली राहत की सांस

प्यारा शुभंकर प्रतीक चिन्ह में हुई चूक के बाद स्कूली बच्चों द्वारा चुने गए ओलंपिक और पैरालंपिक के ओलंपिक शुभंकर मिराटोवा का सही तरीके से जारी होने से आयोजन समिति ने राहत की सांस ली। इसी वर्ष में अभूतपूर्व कदम के तहत आइओसी ने विभिन्न आरोपों के साथ खेलों में मुक्केबाजी प्रतियोगिता के संचालन का अधिकार एआइबीए से वापस ले लिया। बाद में हालांकि आइओसी ने खुद ही मुक्केबाजी टूर्नामेंट का आयोजन करने की बात कही।

2019 में वाडा ने लगाया प्रतिबंध

ओलंपिक खेलों में रूस की भागीदारी पर दिसंबर में उस समय सवाल उठा जब डोपिंग रोधी एजेंसी वाडा ने ओलंपिक डोपिंग डेटा को लेकर ओलंपिक सहित वैश्विक आयोजनों से चार साल तक देश के एथलीटों पर प्रतिबंध लगाया। रूस ने अपील करने की कोशिश की, लेकिन मार्च 2020 में नए कोरोना वायरस विश्व स्तर पर फैलने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई।

2020 में आई महामारी

कोरोना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित किया। आयोजकों पर इसके टालने का दबाव बना लेकिन उन्होंने इसे अकल्पनीय करार दिया। फिर 24 मार्च को आइओसी और जापान ने अंतत: एक ऐतिहासिक फैसले में ओलंपिक को स्थगित कर दिया।


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