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प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए धन और कोचिंग की कमी नहीं रहने देंगे- संदीप सिंह

संदीप सिंह भारतीय हाकी टीम के कप्तान रह चुके हैं। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से वह अब खेलों के प्रोत्साहन के लिए अधिक जज्बे के साथ काम करना चाहते हैं। भविष्य की योजनाओं पर दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह से बातचीत की।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 06:52 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 06:52 PM (IST)
प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए धन और कोचिंग की कमी नहीं रहने देंगे- संदीप सिंह
देश के लिए टोक्यो ओलिंपिक में एकमात्र गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा (एपी फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। देश को जिताएगा हरियाणा..प्रदेशवासियों की यह भावना जापान के टोक्यो में हुए ओलिंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के लिए खूब फली-फूली। 127 सदस्यीय भारतीय खिलाड़ियों के दल में सबसे ज्यादा 31 खिलाड़ी हरियाणा के थे। ओलिंपिक में भारतीय खिलाडि़यों ने पूरे दमखम के साथ सात पदक जीते। इनमें एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रांज पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश की झोली में डाले। यह तब है, जब देश के मुकाबले हरियाणा की कुल आबादी मात्र दो फीसद है। भारतीय दल में हरियाणा के खिलाड़ियों की भागीदारी 25 फीसद से ज्यादा रही। इसके विपरीत 57 फीसद पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। खिलाड़ियों के इस दमखम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल और खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह खासे उत्साहित हैं। संदीप सिंह भारतीय हाकी टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री की प्रेरणा से वह अब खेलों के प्रोत्साहन के लिए अधिक जज्बे के साथ काम करना चाहते हैं। भविष्य की योजनाओं पर दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश। 

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सवाल - लंदन में हुए पिछले ओलिंपिक में देश को सर्वाधिक छह पदक मिले थे। इस बार टोक्यो में सात मेडल आए। इसमें भी हरियाणा के खिलाड़ियों का योगदान जगजाहिर है। इस सफलता को कैसे देखते हैं?

जवाब - कोई भी खिलाड़ी जीत हासिल करने के जज्बे के साथ ही मैदान में उतरता है। मैं चूंकि भारतीय हाकी टीम का कप्तान रहा हूं, इसलिए खिलाड़ियों की भावनाओं को अच्छी तरह समझ सकता हूं। मेडल जीतने के बाद दुनिया के तमाम देशों के सामने जब जन-गण-मन की धुन बजती है तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। यह सुनहरे पल होते हैं, जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकता। हर खिलाड़ी खेल के मैदान में अपने देश की धुन सुनने को बेताब रहता है। 

सवाल - हरियाणा कुश्ती, बाक्सिंग, कबड्डी, हाकी और एथलेटिक्स का हब बन रहा है, लेकिन धरातल पर सुविधाओं की कमी अक्सर महसूस की जाती है। खिलाड़ियों को सुविधाओं की कमी न खले, इसके लिए क्या योजना है? 

जवाब - गरीबी और खेल सुविधाओं की कमी खिलाड़ियों की प्रोग्रेस में बहुत बड़ी बाधा होती है, लेकिन हरियाणा सरकार ने प्रैक्टिस के समय ही खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बना रखी है। ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के खाते में पहले ही पांच-पांच लाख रुपये डाल दिए गए थे। धरातल पर हम खेल नर्सरियों को उन्नत बनाने तथा अधिक से अधिक उमदा किस्म के प्रशिक्षण की व्यवस्था करने को लेकर कटिबद्ध हैं। पहले चरण में हम कम से कम 200 नए कोच रखने जा रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के स्टेडियम के बेहतरीन रखरखाव के लिए बजट प्रस्ताव बनकर तैयार है। 

सवाल - फिर भी ऐसे खिलाड़ियों की कमी नहीं है, जो गरीबी के अभाव में जिंदगी जी रहे। कोई घरों में काम करता है? तो कोई मजदूरी कर रहा है। खिलाड़ियों के सामने गरीबी का दौर बड़ी समस्या है? 

जवाब - ग्रासरूट पर कुछ सुविधाएं विजिबल (दिखाई देने वाली) और कुछ अनविजिबल (दिखाई न देने वाली) होती हैं। अगर खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके डाइट भत्ते और खेल प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी होती है तो वह दिखाई देती है, लेकिन नर्सरी की सुविधाएं, एकेडमिक प्रशिक्षण और पर्सनल को¨चग समेत कई ऐसे बिंदु हैं, जो दिखाई नहीं देते। सरकार इन सबका इंतजाम करती है। भविष्य में यदि और भी चीजें ध्यान में आएंगी तो मुख्यमंत्री और हम मिलकर इन सुविधाओं को बढ़ाएंगे। कोचिंग और धन के अभाव में किसी प्रतिभाशाली खिलाड़ी पीछे नहीं रहने दिया जाएगा। 

सवाल - पिछले सालों में खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि को लेकर अक्सर विवाद उठते रहे। इस बार सरकार की खिलाडि़यों के सम्मान और पुरस्कार राशि के वितरण की क्या योजना है? 

जवाब - पहले भी कभी कोई विवाद नहीं रहा। न आगे रहने वाला है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर मैं सोमवार को खिलाड़ियों का स्वागत करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर जा रहा हूं। सरकार ने 13 अगस्त को पंचकूला में भव्य राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने की रूपरेखा बनाई है। इस समारोह में सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन किया जाएगा। उन्हें उनकी पुरस्कार राशि के साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा की गई तमाम घोषणाएं वास्तविक रूप में आफर की जाएंगी। सस्ते प्लाट के आफर पेपर देंगे। हम खिलाड़ियों का हर सपना पूरा करने पर आगे बढ़ रहे हैं। 

सवाल - आप हाकी टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। भारतीय महिला हाकी टीम ने झांसी की रानी की तरह अपना मैच खेला, मगर जीत से एक कदम दूर रह गई। उन्हें प्रोत्साहित करने की सरकार की क्या योजना है? 

जवाब - ऐसा किसी देश में नहीं हुआ होगा, जैसा हम करने जा रहे हैं। भारतीय महिला हाकी टीम में नौ लड़कियां हरियाणा की हैं। भारतीय महिला टीम भले ही चौथे स्थान पर रही, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा की हर महिला खिलाड़ी को 50-50 लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। इससे उन्हें खासा प्रोत्साहन मिलेगा। 

सवाल - हरियाणा में मुक्केबाजी, हाकी और पहलवानी परंपरागत खेल बन चुके हैं। एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीता। अब एथलेटिक्स को बढ़ावा देने की क्या योजना है? 

जवाब - हम हर जिले में सभी स्टेडियम का रखरखाव ठीक तरीके से करने जा रहे हैं। सभी जिला खेल अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। प्रैक्टिस और को¨चग बढ़ाई जाएगी। एक्सीलेंस सेंटर आफ एथलेटिक्स बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने पंचकूला में दे ही दिया है। गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा इसके मुखिया होंगे। 

सवाल - पुरुषों व महिलाओं की हाकी टीम के खेल को आप कैसे देखते हैं। भविष्य में उनका प्रदर्शन बेहतरीन बना रहे, इसके लिए पूर्व कप्तान के नाते आपका क्या सुझाव? 

जवाब - ऐसा पहली बार हुआ कि पुरुषों व महिलाओं की दोनों हाकी टीम ओ¨लपिक खेलों में सेमीफाइनल में पहुंची। मैं भारतीय हाकी टीम खासतौर से महिलाओं की टीम को सलाह देना चाहता हूं कि उनमें बहुत अधिक पोटेंशियल (संभावनाएं) हैं। सभी खिलाड़ियों के भीतर आपसी समझदारी विकसित हुई है। यह खेल भावना, खेल के मैदान पर आपस में आई कांटेक्ट और समझदारी एक माह या एक साल में डेवलप नहीं होती। बरसों लगते हैं। इसलिए मेरा अनुभव कहता है कि 22 से 25 खिलाड़ियों वाले महिला हाकी टीम के बैच को कंटिन्यू रखना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो भविष्य के मेडल पक्के हैं। 

सवाल - हरियाणा की मेजबानी में खेलो इंडिया खेल का आयोजन होने जा रहा है। ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद हरियाणा सरकार इन खेलों के आयोजन को लेकर कैसे तैयारी कर रही? 

जवाब - खेलो इंडिया गेम नवंबर में होने थे, लेकिन कोरोना की आशंकित तीसरी लहर की वजह से इन्हें अगले साल फरवरी के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। इसकी तारीख और स्थान जल्द तय होंगे। इन खेलों का आयोजन पूरी जिंदादिली के साथ होगा। 

सवाल - अक्सर आपके कामकाज को लेकर सवाल उठाए जाते रहे। आप मीडिया से भी नहीं मिलते। इन सबके बावजूद कल मुख्यमंत्री ने आपको पारस कहा। इसका मतलब क्या है? 

जवाब - देखिए, मैं सभी के लिए उपलब्ध हूं। सबसे बात करता हूं। मुख्यमंत्री जी की मुझे पारस कहने के पीछे जो भी सोच रही होगी, लेकिन मैं इस सम्मान के लिए उनका दिल से आभार व्यक्त करता हूं और खेल व खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए सरकार की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा।


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