Move to Jagran APP

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: खेलों का बेहतरीन स्तर देखने को मिल रहा है- अंजू बॉबी जॉर्ज

Khelo India University Games अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा कि मुझे विश्वास है कि खेलो इंडिया कार्यक्रम शानदार है और इसमें बेहद संभावनाएं हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 08:13 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 08:13 PM (IST)
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: खेलों का बेहतरीन स्तर देखने को मिल रहा है- अंजू बॉबी जॉर्ज
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: खेलों का बेहतरीन स्तर देखने को मिल रहा है- अंजू बॉबी जॉर्ज

(अंजू बॉबी जॉर्ज का कॉलम)

loksabha election banner

मैं जब भी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का प्रसारण देखती हूं तो एक विचार मन में आता है। प्रसारण की बेहतरीन गुणवत्ता, कई एंगल से तुरंत रीप्ले देखने की व्यवस्था मुझे याद दिलाती है कि मैंने साल 2004 के एथेंस ओलंपिक गेम्स में छह लंबी छलांगों की रिकॉर्डिग को नहीं देखा था। मौजूदा वक्त में एथलीट उच्च गुणवत्ता के रीप्ले देख सकते हैं और कई क्लिप तो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही हैं।

मुझे विश्वास है कि खेलो इंडिया कार्यक्रम शानदार है और इसमें बेहद संभावनाएं हैं। ये और अच्छा है कि ये अब यूनिवर्सिटी स्तर पर भी पहुंच गया है। दायरा अब बढ़ चुका है, ताकि असली प्रतिभाएं सामने आ सकें। फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां छिपी हुई हैं। खेलो इंडिया गेम्स के जरिये खेलों का बेहतरीन स्तर देखने को मिल रहा है और इसका फायदा सिर्फ भारत को ही है।

लंबे समय से हमारे पास ऐसे एथलीट रहे हैं, जिन्होंने जूनियर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन जब सीनियर स्तर पर प्रदर्शन की बारी आई तो वे कहीं गुम से हो गए। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एथलीट, कोच, फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट और यूनिवर्सिटीज को इस स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ने का अवसर देंगे। इसमें समय लग सकता है, लेकिन ये देखना सुखद होगा जब अमेरिका की तर्ज पर कॉलेजिएट कंप्टीशन की तरह चैंपियन निकलकर सामने आएंगे। अगर यूनिवर्सिटी के स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तराशा जा सका और युवा एथलीटों को सही समय पर सही माहौल में सही दिशा दिखाई गई तो इससे देश के खेल ढांचे को काफी फायदा होगा।

ऐसे दिन जब हमने द्रोणाचार्य जेएस सैनी के निधन की खबर सुनी, इस बारे में बताना काफी मुश्किल है कि कैसे यूनिवर्सिटी के कोच एथलीटों के प्रदर्शन को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत के साथ ही कोचों को खिलाडि़यों को तराशकर उन्हें दुनिया के सामने पहचान दिलाने का अतिरिक्त अवसर मिला है।

ये देखना अच्छा होगा जब स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी ये सुनिश्चित करना शुरू कर देंगी कि उनके एथलीट सिर्फ अपनी प्रतियोगिताओं में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवा एथलीटों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में उनके शैक्षणिक संस्थान की भी मदद करेंगे। मैंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की उपयोगिता को लेकर कई टिप्पणियां सुनी हैं, लेकिन मैं देख सकती हूं कि खेलो इंडिया गेम्स की वजह से कई खेल लाइमलाइट में आ गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.