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इस खिलाड़ी की पिता को गोल्ड मेडल पहनाने की हसरत अधूरी रह गई

तेजिंदर ने एशिनय गेम्स में भारत को लिए गोल्ड मेडल जीता था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 07:53 PM (IST)
इस खिलाड़ी की पिता को गोल्ड मेडल पहनाने की हसरत अधूरी रह गई
इस खिलाड़ी की पिता को गोल्ड मेडल पहनाने की हसरत अधूरी रह गई

रोहित शर्मा, मोगा। एशियन गेम्स में शॉटपुट में 25 अगस्त को गोल्ड मेडल जीत राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाले तेजिंदरपाल तूर की चाहत थी वह यह मेडल सबसे पहले पिता के गले में पहनाएं। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। इंडोनेशिया में एशियन गेम्स खत्म होने के बाद तेजिंदरपाल सीधा अपने पिता से मिलने आ रहे थे कि रास्ते में ही उन्हें पिता के निधन की खबर मिली। इस अप्रिय खबर ने उन्हें जिंदगी भर का गम तो दिया ही पिता के गले में गोल्ड मेडल पहनाने के अरमान भी चकनाचूर कर दिया।

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तूर के पिता कर्म सिंह (53) का सोमवार शाम को पंचकूला के कमांड अस्पताल में देहांत हो गया। मंगलवार को गांव खोसा पांडो में अपने घर पहुंचे तूर ने बताया कि वह खेल में जीता सोने का तगमा अपने पिता के गले में पहनाना चाहते थे, लेकिन भगवान ने उनकी यह इच्छा पूरी नहीं की। तूर ने कहा कि सोमवार को वह इंडोनेशिया से वापस भारत आए। इस दौरान दिल्ली से वह सीधा पंचकूला के लिए निकल गए। जैसे ही वह अंबाला के पास पहुंचे तो फोन पर पिता के निधन की सूचना मिली।

कर्म सिंह का अंतिम संस्कार गांव खोसा पांडो में छह सितंबर को किया जाएगा। तेजिंदरपाल सिंह की मां जगीर कौर कनाडा में और तेजिदंरपाल सिंह की बहन अमरीका में रहती है। इसलिए उनके आने पर ही छह सितंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पीएम मोदी ने तेजिंदरपाल को देनी थी बधाई

तेजिंदरपाल सिंह ने बताया कि बुधवार को उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना था। शाम को पीएम के साथ चाय का प्रोग्राम था। अपने जीवन के इस बड़े अवसर के लिए मैं पूरी तरह से उत्साहित था, लेकिन पिता की मौत की बाद से जिंदगी में कभी पूरा न होने वाला घाटा पड़ गया है।

पिता कर्म सिंह को 2013 में हुआ था कैंसर

रस्साकस्सी के खेल में राज्य स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुके कर्म सिंह को 2013 में हड्डी का कैंसर हुआ था। उपचार के बाद 2014 में उन्हें कैंसर से राहत मिली थी। 2016 में उन्हें ब्रेन कैंसर हो गया था। इसके बाद से वह लगातार कैंसर की बीमारी से जूझते आ रहे थे।


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