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दिन में बनाते थे कोरोना पर रणनीति और फिर करते थे अभ्यास, अब DM ने देश का सिर किया ऊंचा

उत्तर प्रदेश के जिला गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल यतिराज ने टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और वे पदक के दावेदार भी बन गए हैं। उन्होंने काफी बलिदान अपने इस जुनून के लिए दिया है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 07:52 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 04:34 PM (IST)
दिन में बनाते थे कोरोना पर रणनीति और फिर करते थे अभ्यास, अब DM ने देश का सिर किया ऊंचा
Suhas Lalinakere Yathiraj इस समय डीएम हैं (फोटो ani)

अर्पित त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा। पैरालिंपिक में जिस चतुराई से सुहास एल. यतिराज अंक हासिल कर रहे हैं, ठीक उसी तरह कोरोना की दूसरी लहर में गौतमबुद्ध नगर को बचाने की रणनीति बनाने के साथ ही बैडमिंटन के प्रशिक्षण के लिए भी समय निकाल लेते थे। प्रतिदिन तड़के सुबह और देर रात 40 किलोमीटर का सफर कर प्रशिक्षण करते थे। उनके कार्य कुशलता का बानगी इस आंकड़े से साबित होती है कि उत्तर प्रदेश में गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा अन्य जिले से सबसे कम था। उनका मानना है कि जब किसी चीज में दिलचस्पी होती है तो परिस्थिति कैसी भी हो समय निकाल ही लिया जाता है।

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टोक्यो में दमखम दिखाने को चुनी पुलेला गोपीचंद अकादमी

विश्व रैंकिंग में तीसरे पायदान पर काबिज सुहास का नोएडा के सेक्टर-27 में आवास है। वह हर रोज सुबह पांच बजे 40 किलोमीटर का सफर तय तक ग्रेटर नोएडा की गोपीचंद अकादमी में अभ्यास करने जाते थे। टोक्यो में जिस स्टेडियम में उनका मैच चल रहा है उसमें वह 2019 में जापान ओपन में खेल चुके हैं। यहां हवा का बहाव रहता है। गोपीचंद अकादमी से पहले वह नोएडा में प्रशिक्षण करते थे। गोपीचंद अकादमी में एसी लगे होने से हवा के बहाव में खेलने का अभ्यास हो जाता है। इसीलिए वह ग्रेटर नोएडा जाने लगे।

बचपन से बैडमिंटन-क्रिकेट का शौक

मूलरूप से कर्नाटक निवासी सुहास ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर एक वर्ष नौकरी की लेकिन मन में देश के लिए कुछ करने की चाह थी। सिविल सेवा की तैयारी की और 2007 में आइएएस में चयन हो गया। उनके मुताबिक जिस चीज में दिलचस्पी हो उससे दूरी बनाना मुश्किल है। सिविल सेवा में आना और बैडमिंटन खेलने का यही कारण है। बचपन में क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक था। कालेज के दौरान बैडमिंटन को अपना लिया। आइएएस की ट्रेनिंग के दौरान भी अकादमी के विजेता रहे। 2016 में आजमगढ़ के डीएम रहने के दौरान राज्य स्तरीय टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। वहां कुछ राज्य स्तरीय खिलाडि़यों के साथ खेला और जीत गए, जिससे उनके हौसले बढ़ गए। नवंबर 2016 में चीन के बीजिंग में हुई एशियन चैंपियनशिप में शिरकत की और खिताब जीत लिया। 2019 मार्च से 2020 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन संघ की 14 चैंपियनशिप में से 12 में शिरकत की और शानदार प्रदर्शन किया।


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