Move to Jagran APP

Golden Girl: कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने वाली श्रेयसी सिंह की कहानी, आसान नहीं था यहां तक का सफर

कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह की कामयाबी पर देश को गर्व है, लेकिन उन्हें यह स्वर्णिम सफलता एक दिन में नहीं मिली।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 11:56 AM (IST)Updated: Thu, 12 Apr 2018 05:16 PM (IST)
Golden Girl: कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने वाली श्रेयसी सिंह की कहानी, आसान नहीं था यहां तक का सफर
Golden Girl: कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने वाली श्रेयसी सिंह की कहानी, आसान नहीं था यहां तक का सफर

पटना, अरुण सिंह। कॉमनवेल्थ गेम्स के आठवें दिन श्रेयसी सिंह का नाम भी इन खेलों में गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ियों में शामिल हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी ने महिला डबल ट्रैप स्पर्धा में 962 का स्कोर करते हुए भारत को इस आयोजन का 12वां स्वर्ण पदक दिलाया।

loksabha election banner

कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह की कामयाबी पर देश को गर्व है, लेकिन उन्हें यह स्वर्णिम सफलता एक दिन में नहीं मिली। पिता दिग्विजय सिंह भारतीय राइफल संघ के अध्यक्ष थे, जिसका फायदा वह उठा सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। स्कूल में पढ़ाई के दौरान जब उन्होंने निशानेबाजी के शौक के बारे में बताया तो पिता के साथ पूर्व सांसद उनकी मां पुतुल कुमारी ने हामी भर दी। श्रेयसी कहती हैं कि अब मैं भले ही दिल्ली में रहती हूं पर दिल से बिहारी हूं।

प्रतिस्पर्धी दौर को समझा

जमुई के गिद्धौर में नौवीं क्लास में पढ़ाई के दौरान श्रेयसी को निशानेबाजी के लिए जरूरी सामान की व्यवस्था कराई गई। साथ ही यह नसीहत भी दी गई कि प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी। श्रेयसी ने अमल किया। पहले जिला, उसके बाद राज्य स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर सभी का ध्यान खींचा, लेकिन अच्छी तालीम और निशानेबाजी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए उन्हें नई दिल्ली जाना पड़ा। दिल्ली के हंसराज कॉलेज से ग्रेजुशन किया और 2007 में तुगलकाबाद में शूटिंग रेंज में राष्ट्रीय कोच के सानिध्य में मेहनत की।

बिहार में अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज होता तो बाहर नहीं जाती

पदक जीतने के बाद श्रेयसी ने दैनिक जागरण से कहा कि मैं अपनी कामयाबी से बेहद खुश हूं। मैंने पिछले चार साल में अपने पदक के रंग को बदलने के लिए काफी मेहनत की है। मेरा मुकाबला कड़ा रहा, क्योंकि मेरी प्रतिद्वंद्वी ईमा कॉक्स को घरेलू होने का फायदा था। जब मुकाबला शूटऑफ में आया तो मेरे कोच और अभिभावकों की नसीहत काम आई।

शूटऑफ में भारी पड़ीं श्रेयसी 

महिला डबल ट्रैप के फाइनल में श्रेयसी और ऑस्ट्रेलिया की इमा कोक्स के बीच रोचक भिड़ंत देखने को मिली। चार राउंड के बाद श्रेयसी और इमा 96-96 अंक के साथ संयुक्त रूप से बराबरी पर थीं। इसके बाद स्वर्ण का फैसला करने के लिए शूटऑफ का सहारा लेना पड़ा। शुरुआती चारों दौर में श्रेयसी ने 24, 25, 22 और 25 का स्कोर बनाया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाली श्रेयसी ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीता था।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.