सिरिंज मामला: खेल मंत्रालय ने लगाया आइओए को चेतावनी भरा इंजेक्शन
सिरिंज मामले में खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) को चेतावनी दी है।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने के पहले ही भारतीय खेमे में सिरिंज मिलने को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने बहुत ही गंभीरता से लिया है और भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) को चेतावनी दी है।
खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मसले पर हमने आइओए से बात की है और उनसे कहा है कि भारतीय दल के साथ जो भी जाए उसे नियमों की जानकारी होनी चाहिए। अगर कॉमनवेल्थ गेम्स में नो निडिल पॉलिसी लागू है तो हमारे डॉक्टर को सुई का प्रयोग करना ही नहीं चाहिए था। टूर्नामेंट में आगे इस तरह की हरकत कतई नहीं की जाए। हम और भी जरूरी कदम उठा रहे हैं।
उधर गोल्ड कोस्ट में भारतीय मुक्केबाजी टीम के डॉक्टर को सिरिंज के इस्तेमाल के मामले में कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) की ओर से कड़ी चेतावनी दी गई है। भारतीय चिकित्सक को यह चेतावनी खेल गांव में किसी प्रकार की सुई साथ न रखने की नीति के उल्लंघन के तहत दी गई है। इससे भारतीय मुक्केबाजी दल ने राहत की सांस ली है, क्योंकि सिङ्क्षरज रखने पर उन्हें किसी बड़े प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ा है, बल्कि सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।
सीजीएफ ने मंगलवार को कहा कि चिकित्सक अमोल पाटिल ने सुई को उसके इस्तेमाल के बाद गलत तरीके से फेंकने की बात स्वीकार कर ली थी। पाटिल ने संघ की अदालत को बताया कि वह एक अस्वस्थ एथलीट को विटामिन-बी का इंजेक्शन दे रहे थे। एक सफाई कर्मचारी ने खेल गांव में मुक्केबाजी टीम के शिविर के पास कई सुइयां देखी थीं, जिसके बाद इस मामले ने बड़ा तूल पकड़ लिया। सीजीएफ मेडिकल कमीशन की जांच के बाद इस मामले की सुनवाई की गई। इस मामले को किसी प्रकार की सुई साथ न रखने की नीति का उल्लंघन माना गया। पाटिल ने माना की वह साफ कूड़ादान लेने के लिए गए थे और उन्होंने इन सुइयों को अपने कमरे में ही छोड़ दिया था। इस दौरान सफाईकर्मी ने सुई देख ली। इस मामले पर सीजीएफ ने कहा है कि उसने चिकित्सक को नियमों के उल्लंघन के संदर्भ में एक कड़ी चेतावनी लिखित में दी है। इस लिखित चेतावनी की एक प्रतिलिपि भारतीय दल प्रमुख विक्रम सिसोदिया को सौंपी गई है, ताकि भारतीय टीम द्वारा इस प्रकार की गलती भविष्य में न हो इस बात को सुनिश्चित किया जाए।
हालांकि सीजीएफ ने उस एथलीट का नाम उजागर करने से इन्कार कर दिया जिसके ऊपर सिरिंज का इस्तेमाल हुआ था। उस एथलीट का डोप टेस्ट कराया गया था जो नकारात्मक आया है।