साक्षी मलिक व विनेश फोगाट समेत छह महिला पहलवानों को मिला कामनवेल्थ गेम्स का टिकट
साक्षी के अलावा कामनवेल्थ की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट अर्जुन अवार्डी दिव्या काकरान एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता अंशु मलिक अर्जुन अवार्डी पूजा ढांडा और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता पूजा गहलोत ने भी जीत दर्ज करते हुए कामनवेल्थ गेम्स के लिए टिकट कटा लिया।
हितेश सिंह, लखनऊ। पिछले दो वर्षों से भारतीय महिला कुश्ती टीम से दूर रहीं रियो ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने सोमवार को अपने दबदबे को वापस पाने के लिए बेहद आक्रामक नजर आई। साक्षी ने लखनऊ के भारतीय खेल प्राधिकरण में हुए चयन-ट्रायल में दमदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल मुकाबले में हरियाणा की मनीषा को चित कर दिया। साक्षी ने इस जीत के साथ बर्मिंघम में पांच और छह अगस्त तक होने वाले कामनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
साक्षी के अलावा कामनवेल्थ की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट, अर्जुन अवार्डी दिव्या काकरान, एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता अंशु मलिक, अर्जुन अवार्डी पूजा ढांडा और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता पूजा गहलोत ने भी जीत दर्ज करते हुए कामनवेल्थ गेम्स के लिए टिकट कटा लिया है। वहीं, कैडेट पहलवानों का 10 भार वर्गों में चयन किया गया। कैडेट वर्ग में चुनी गईं महिला पहलवान किर्गीस्तान में 19 से 26 जून तक होने वाली एशियन कैडेट चैंपियनशिप के लिए देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। चयन के दौरान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह और भारतीय खेल प्राधिकरण नई दिल्ली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीके गर्ग और भारतीय खेल प्राधिकरण लखनऊ के कार्यकारी निदेशक संजय सारस्वत मौजूद रहे।
कामनवेल्थ गेम्स के लिए चुनी गईं सीनियर महिला पहलवान
50 किग्रा : पूजा गहलोत
53 किग्रा: विनेश फोगाट
57 किग्रा : अंशु मलिक
62 किग्रा : साक्षी मलिक
68 किग्रा : दिव्या काकरन
76 किग्रा : पूजा ढांडा
एशियन कैडेट चैंपियनशिप के लिए चुनी गईं खिलाड़ी
40 किग्रा : मुस्कान
43 किग्रा : रितिक
46 किग्रा : श्रुति
49 किग्रा : अहिल्या शिंदे
53 किग्रा: रीना
57 किग्रा : शिक्षा
61 किग्रा : स्वाति
65 किग्रा : पुलकित
69 किग्रा : मानसी
73 किग्रा : प्रिया
चयन न होता तो कुश्ती छूट जाती : साक्षी मलिक
साक्षी को पिछले दो-तीन बार से हरियाणा की धाकड़ पहलवान सोनम मलिक चयन के सेमीफाइनल या फाइनल मुकाबले में पटखनी देकर भारतीय टीम से छुट़टी कर देती थी। पर इस बार साक्षी ने आक्रामक अंदाज में खेल दिखाते हुए सोनम को 8-1 से रगड़ दिया। जीत दर्ज करने के बाद साक्षी ने अपनी मां को गले लगाकर भावुक हो गईं और आंखाें से खुशी के आंसू निकल आए। दैनिक जागरण से बात करते हुए साक्षी ने बताया कि पूरे दो साल हो गए थे हार का सामना करते हुए। इस बार टीम में जगह नहीं बना पाती तो कुश्ती तो छूट ही जाती। क्योंकि चैंपियनशिप की होती हैं जिसमें खिलाड़ी प्रतिभाग कर अपना दबदबा बनाए रखते हैं। साक्षी ने कहा कि इस जीत से बहुत खुश हूं। अब कामनवेल्थ गेम्स में देश को स्वर्ण दिलाने का लक्ष्य है इसके लिए पूरी जान लगा दूंगी।
देश में रेसलरों की नई पौध तैयार : विनेश फोगाट
विश्व कैडेट चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता हरियाणा की अंतिम को कांटे की टक्कर में हराकर कामनवेल्थ का टिकट हासिल करने वाली विनेश फोगाट कहती हैं कि अंतिम जैसे पहलवानों की देश को जरुरत है। अंतिम ने जिस ऊर्जा के साथ मेरा सामना किया वह बेहतरीन था। ऐसे पहलवानों को देखकर खुशी होती है कि अब अभ्यास के लिए अंतिम जैसे पहलवानों की मदद ली जा सकती है। विनेश कहती हैं कि अब फिर से देश के लिए पदक जीतना है।